शारदा न्यूज़, मेरठ। मानदेय बढ़ाने और सरकारी दर्जा प्राप्त करने के लिए आशा कार्यकर्तार्ओं ने प्रदर्शन किया। आशा कार्यकर्ता माथे पर काली पट्टी बांधकर और हाथों में कटोरा लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से भीख मांगी, भीख नहीं देने पर मानदेय बढ़ाने की मांग की। प्रशासनिक अधिकारी ने मांगों को शासन से अवगत कराने का आश्वासन दिया है।
आॅल इंडिया आशा कार्यकर्ता कल्याण सेवा की मंडल अध्यक्ष निर्मेश त्यागी ने बताया कि प्रदेश सरकार आशा कार्यकर्ता से फ्री में काम करा रही है, जो तत्काल बंद की जाए। आशा कार्यकतार्ओं का 24 घंटे का समय है। जबकि किसी भी विभाग में कर्मचारियों के कार्य का समय लगभग 8 घंटे होता है, लेकिन अधिकारी आशा कार्यकतार्ओं को कभी भी बुला लेते हैं। उनसे पूर्व में गोल्डन और आभा कार्ड बनवा लिए गए। उनका भी भुगतान नहीं किया गया।
आशा कार्यकर्तार्ओं की नियुक्ति 2005 में हुई थी। उनकी सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की थी। जितना मानदेय नियुक्ति के समय तय हुआ था। उतना ही मानदेय वर्तमान में भी मिल रहा है।
आशा कार्यकर्तार्ओं को काम के अनुसार प्रोत्साहन राशि नहीं मिलती हैं। कई बार अधिकारियों से भी मामले की शिकायत की गई। लेकिन अभी तक मानदेय नहीं बढ़ाया गया।