शारदा रिपोर्टर
मेरठ। न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट संख्या दो मेरठ ओमवीर सिंह द्वितीय ने रविंद्र भूरा व उसका भतीजा गौरव हत्याकांड के आरोपी अजय जडेजा उर्फ अजय शर्मा, आजाद, अजय मलिक उर्फ जंगू, यशवीर व गुलाब को संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त कर दिया।
घटना 17 वर्ष पूर्व मेरठ कचहरी के अंदर हुई थी जिसमें वादी मुकदमा रेशम सिंह सी थाना सिविल लाइन द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया था कि दिनांक 16 अक्टूबर 2006 को वह पुलिस लाइन मेरठ में तैनात था उसकी ड्यूटी जिला कारागार मेरठ में बंद अभियुक्त रविंद्र भूरा को जेल से लाकर न्यायालय में पेश करने में लगी थी उसके साथ पुलिस लाइन से कांस्टेबल कुलदीप, धर्मवीर, मनोज, बलजीत व रामवीर लगे हुए थे। पुलिस लाइन से सरकारी असलाह लेकर वह रविंद्र भूरा की पेशी करने कचहरी लाए थे। तभी कचहरी में करीब एक बजे कड़ी सुरक्षा में रविंद्र भरा को न्यायालय में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था।
कचहरी में तेरह न्यायालय भवन के पास सभी आरोपी अपने हाथ में पिस्तौल लेकर आए और रविंद्र भूरा पर फायरिंग शुरू कर दी। तभी कांस्टेबल मनोज कुमार ने साहस का परिचय देते हुए बदमाश की कोली भरकर दबोच लिया था। बदमाशों ने मनोज कुमार से छुटने के प्रयास में उसे गोली मार दी। जिससे कांस्टेबल मनोज कुमार घायल हो गया और सभी आरोपी मौके से भाग गए। इस घटना में रविंद्र भरा एवं उसका भतीजा गौरव की मौके पर मृत्यु हो गई थी ओर दौरान उपचार कांस्टेबल मनोज की मृत्यु हो गयी थी। इसके बाद सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हो गया था। आरोपी घटना करने के बाद कमिश्नर चौराहे की तरफ भाग गए थे। जिन्हें पुलिस द्वारा थोड़ी देर बाद आवश्यक बल का प्रयोग कर पकड़ लिया था।इस मामले में पुलिस ने 27 गवाह न्यायालय में पेश किए थे।आरोपियों की ओर से उनके अधिवक्ता वीके शर्मा द्वारा न्यायालय में बताया कि पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को इस मुकदमे में झूठा फसाया जा रहा है जिसका सबूत न्यायालय में पेश किया।
न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य को देखकर आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया।