लोगों का आरोप: सत्ता के संरक्षण में पूरे जिले में हो रहा है खनन
शारदा रिपोर्टर मेरठ। जनपद में अवैध खनन जोरो पर है। हालात ये है कि देहात क्षेत्र में लगातार धरती का चीरहरण खनन माफिया कर रहे हैं। लेकिन खनन विभाग के साथ ही पुलिस की सेटिंग से पूरा खेल धड़ल्ले से चल रहा है।
रात गहराते ही सुबह सूरज निकलने से पहले तक मिट्टी खनन चलता है और मिट्टे भरे डंफर सड़कों पर दौड़ने लगते हैं। हालात ये है कि शिकायतों के बाद भी पुलिस प्रशासन शांत बैठा रहता है।
ग्राम पसवाड़ा के लोगों ने पिछले दिनों एसडीएम मवाना को शिकायती पत्र देते हुए उनके खेत से बिना अनुमति व सहमति के अवैध रूप से मिट्टी उठाने का आरोप लगाया। किसानों ने कहा कि करीब आठ फीट गहराई तक उनके खेत से मिट्टी उठा ली है। मना करने पर भी नहीं मान रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने अवैध खनन रुकवाने तथा किए गए खनन की आरोपियों से रिकवरी करने व दंडित किए जाने की मांग की। एसडीएम ने जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि परीक्षितगढ़ थानाध्यक्ष को कई बार शिकायत की गई, लेकिन पुलिस ने भी कोई ध्यान नहीं दिया।
यही नहीं एक बड़ा खेल सिंचाई विभाग ने ही कर दिया। मध्य गंगनहर की सिल्ट सफाई के बाद नहर से बाहर निकाली गई सिल्ट को पटरी पर ही डाल दिया। इसे उठाने का कोई ठेका यहां के अधिकारियों ने नहीं छोड़ा, जिसके चलते खनन माफिया इस करोड़ों रुपये की सिल्ट को उठा ले गए। जबकि हापुड़ जनपद में सिल्ट का ठेका छोड़कर सरकारी खजाने में राजस्व जमा किया गया।
इस मामले में भी चर्चा है कि यह खेल भी सत्ता के संरक्षण में हुआ है। जिसमें मवाना तहसील प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने यह बड़ा खेल करा दिया।