मेरठ। मंगलवार को न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 10 मे राकेश कुमार सिंह ने पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करते हुए बरी करने के आदेश दिए हैं।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 14 अक्टूबर 2013 को वादी रामकिशोर त्यागी ने थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि उनकी पुत्री रजनी त्यागी का विवाह प्रभात नगर के रहने वाले रूपम त्यागी पुत्र जय निवास त्यागी से हुआ था। रूपम की पत्नी रजनी धार्मिक प्रवृत्ति की लड़की थी। रजनी ने रूपम को भी कई बार धार्मिक रुख अपनाने के लिए कहा था। इसके बाद एक बार रजनी को शिरडी जाना था जिसके लिए 19 अक्टूबर का रिजर्वेशन था। लेकिन रजनी को उसके पति रूपम ने वहाँ जाने के लिए साफ मना कर दिया जिस कारण रजनी ने आत्महत्या कर ली। इसके बाद रूपम ने ही रजनी की मौत की सूचना वादी को दी थी।
रूपम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र पाल सिरोही ने अदालत में मजबूत पैरवी की और सिद्ध किया की रजनी की आत्महत्या में रूपम का कोई हाथ नहीं है। अदालत ने आरोपी रूपम को संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त करने की आदेश पारित कर दिये।