गठबंधन की चुनौती से पार पाने को अति पिछड़ों को साध रही भाजपा

Share post:

Date:

– कर्पूरी ठाकुर को चुनाव से ठीक पहले भारत रत्न देना इसी रणनीति का हिस्सा
– यूपी और बिहार में अति पिछड़े ही बनाते और बिगाड़ते हैं चुनावी समीकरण


अनुज मित्तल, मेरठ। लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, सभी में अति पिछड़ा वर्ग का मतदाता अहम भूमिका निभाता है। पिछड़े वर्ग के मतदाता तो जातीय और अन्य कारणों से इधर-उधर हो जाते हैं, लेकिन अति पिछड़ों का वोट लंबे समय तक किसी एक ही दल का बनकर रहता है। यह आजादी के बाद से अब तक के चुनाव में साफ नजर आया है।

अति पिछड़ा वर्ग की अगर बात करें तो इसमें नाई, पाल, सैनी, कुर्मी, कश्यप, प्रजापति आदि तमाम जातियां आती हैं। जबकि पिछड़ा वर्ग में जाट, गुर्जर और यादव आदि जाति आती हैं। ऐसे में पिछड़े वर्ग को साधना आसान नहीं होता, लेकिन अति पिछड़ा वर्ग आसाीन से साधा जा सकता है।

आजादी के बाद यह अति पिछड़ा वर्ग कांग्रेस का बनकर रहा और इसी का परिणाम रहा कि कांग्रेस ने केंद्र और उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक राज किया। लेकिन बाद में यह खिसकता चला गया। अन्य दलों ने जब इस पर ध्यान दिया तो यह मतदाता उनके पाले में चला गया। 2012 में बसपा की सरकार बनाने के पीछे भी इसी अति पिछड़ा वर्ग की अहम भूमिका थी, जिसको साधने में बसपा ने जो सोशल इंजीनियरिंग का कार्ड खेला उसमें वह कामयाब रही।

हालांकि राम मंदिर आंदोलन के बाद से ही यह अति पिछड़ा वर्ग भाजपा के साथ आना शुरू हो गया था। लेकिन 2014 में जब लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित किया गया, तो यह अति पिछड़ा वर्ग भाजपा का हो गया। इसके पीछे एक कारण यह भी रहा कि अमित शाह ने यूपी की कमान संभालते ही सबसे पहले इसी जाति को साधने पर पूरा जोर दिया।

अब कुछ खिसक रहा है वोट बैंक

भाजपा से अति पिछड़ा वर्ग कुछ खिसकता नजर आ रहा है। उदाहरण के लिए खतौली विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा की हार इसी का कारण मानकर देखी जा रही है। लेकिन भाजपा ने फिर से इसे साधने पर फोकस किया हुआ है।

कपूरी ठाकुर को भारत रत्न इसी रणनीति का हिस्सा

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग पिछले कई सालों से उठ रही है। लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उनके जन्मदिन की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा कर बिहार के साथ ही यूपी के भी एक बड़े सैन (नाई) समाज को लगभग साध लिया है।

सपा बसपा भी लगा रही लगातार जोर

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को भी पता है कि इस वोट बैंक के बिना सत्ता का सिंहासन दूर है। ऐसे में सपा तो लगातार अति पिछड़ों पर डोरे डालने में लगी रहती है। इसी रणनीति के तहत यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी लगातार निशाना बनाते हुए अति पिछड़ों को अहसास कराने का प्रयास करती है कि वह नाम के ही उपमुख्यमंत्री हैं, उनकी कोई हैसियत यूपी शासन में नहीं है।

वहीं बसपा सुप्रीमों ने भी बुधवार को कर्पूरी ठाकुर के जन्मदिन पर ट्विट कर जिस तरह का संदेश दिया है, उससे साफ पता चलता है कि वह भी इस वर्ग को साधने में लगी हुई हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular

More like this
Related

पाकिस्तान में  जुमे की नमाज के दौरान मस्जिद में भीषण बम विस्फोट 

पेशावर: उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक मस्जिद...

कार में लगी आग, होली खेलने निकले दो  दोस्त जिंदा जले

 मुजफ्फरनगर. जिले के भोपा क्षेत्र में शुक्रवार को पेड़...

पत्नी और साले को फंसाने के लिए कर दी बेटी की हत्या

- बेटी का गमछे से घोटा गला, बहनोई भी...