- हापुड़ में अनुसूचित मोर्चा के सम्मेलन में दलितों को संदेश दे गए योगी,
- पूरे संबोधन में बसपा का नाम तक नहीं लिया मुख्यमंत्री योगी ने।
अनुज मित्तल, समाचार संपादक |
मेरठ। दलितों को साधने की कवायद में इस समय सभी पार्टियां जुटी हैं। भाजपा ने भी इस तरफ प्रयास तेजी से शुरू कर दिया है। मंगलवार को हापुड़ में हुए पश्चिमी क्षेत्र के अनुसूचित मोर्चा के सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि अब जरूरत है तो वह याद कर रहे हैं। लेकिन पीछे क्या किया इसे याद रखना होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर पूरी तरह समाजवादी पार्टी रही। भाजपा भी मानकर चल रही है कि यूपी में उसका मुकाबला सपा से ही है। ऐसे में भाजपा हर मोर्चे पर सपा की घेराबंदी में लगी है। योगी आदित्यनाथ ने डा. भीमराव आंबेडकर के संदेश सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामया का संदेश सुनाते हुए कहा कि भाजपा इसी विचारधारा पर काम कर रही है। तभी तो भाजपा का नारा सबका साथ-सबका विकास है। लेकिन सपा का नारा सबका साथ, अपना विकास है।
योगी आदित्यनाथ ने आजादी के बाद से दलितों के लिए शुरू की गई योजनाओं को गिनाने के साथ ही भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार के कार्यकाल में शुरू की योजनाओं को तुलनात्मक रूप से भी सामने रखा। उन्होंने रामायण काल से लेकर महाभारत और उसके बाद तक अनुसूचित वर्ग के योगदान को सामने रखते हुए कहा कि अनुसूचित वर्ग ने हमेशा राष्ट्र और समाज के हित में काम किया है, मानवता की सेवा के साथ ही जातिवाद का विरोध किया।
आदित्यनाथ ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अनुसूचित जाति के महापुरुषों के नाम पर जो भी स्मारक या मार्ग आदि बनाए गए, सपा ने उनका नाम बदलने का काम किया। इससे साफ होता है कि उसकी मानसिकता दलित विरोधी है। जबकि भाजपा ने हमेशा सबको बराबर का सम्मान दिया है।
कानून व्यवस्था पर फिर बोले योगी
योगी आदित्यनाथ के भाषण में कानून व्यवस्था मुख्य मुद्दा होती है। उन्होंने इस कार्यक्रम में भी सपा सरकार और भाजपा सरकार के कार्यकाल की कानून व्यवस्था को लेकर तुलना की।
सभी को काम और मिलेगा सम्मान
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि व्यवस्था को बिगाड़ने में वक्त नहीं लगता, लेकिन बनाने में समय लगता है। जिन लोगों ने व्यवस्था बिगाड़ी थी, उनका इलाज हम कर रहे हैं। लेकिन उस बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने में थोड़ा वक्त जरूर लग रहा है। वह दिन दूर नहीं जब उत्तर प्रदेश के हर युवा को काम और हर व्यक्ति को सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज मां और बेटियां बेखौफ उत्तर प्रदेश की सड़कों पर घूमती हैं। यदि कोई उनकी तरफ गलत नजर करता है, उसका इलाज करने के लिए पुलिस को पूरी छूट दी हुई है।
बसपा का नहीं लिया नाम
भाजपा जानती है कि बसपा को चुनाव में शांत ही रखना है। जिसके चलते मुख्यमंत्री सहित किसी भी वक्ता ने अपने संबोधन में बसपा या उसके कार्यकाल का कोई जिक्र नहीं किया। खासतौर पर अनुसूचित मोर्चा के सम्मेलन में सभी ने समझी रणनीति के तहत सपा और कांग्रेस पर हमला बोला। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से रालोद की भी सभी उपेक्षा कर गए।
सम्मेलन रहा सफल, लेकिन लक्ष्य पूरा करने में रहे विफल
अनुसूचित जाति मोर्चा सम्मेलन में पश्चिमी क्षेत्र की सभी 70 विधानसभाओं से दो-दो हजार लोग लाने का लक्ष्य दिया गया था। जो कुल 1,40,000 होता है। हालांकि इतनी भीड़ की उम्मीद नहीं थी, लेकिन लक्ष्य की आधी भीड़ भी सम्मेलन में नहीं पहुंची। बावजूद भीड़ इतनी जरूर रही कि हापुड़ के बाहरी रास्ते जाम हो गए और सम्मेलन स्थल भी खचाखच भर गया। जिससे सभी उत्साहित नजर आए।