महाराष्ट्र– राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) प्रमुख शरद पवार ने औरंगाबाद जिले के गंगापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन को सत्ता से हटा देना चाहिए। क्योंकि उसे फसलों की कीमतों में गिरावट के कारण किसानों को होने वाली पीड़ा की कोई चिंता नहीं है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी संविधान बदलने के लिए लोकसभा चुनावों में 400 सीट जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही थी, लेकिन आखिर में सरकार बनाने के लिए उसे नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) और एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के भरोसे रहना पड़ा।
शरद पवार ने कहा, ‘‘देश की भूख मिटाने वाले किसान परेशान हैं, लेकिन सत्ताधारी दलों को इसकी कोई चिंता नहीं है। ऐसे लोगों को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें सत्ता से बेदखल किया जाना चाहिए। पिछले नौ महीनों में 950 किसानों ने आत्महत्या की है। ऐसा इसलिए है कि वे अपनी लागत भी नहीं हासिल कर पा रहे हैं, जिससे उन पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। गन्ना, सोयाबीन और ज्वार जैसी फसलों की कीमतें गिर गई हैं।’’
उन्होंने कहा कि जब महाराष्ट्र में राकांपा-कांग्रेस की सरकार थी, तब 71,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किए गए थे। पवार ने कहा कि तत्काल एक और ऋण माफी की जरूरत है। शरद पवार ने कहा कि लेकिन केंद्र सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है।