Home उत्तर प्रदेश Meerut नज़ीर: जेल में रहते हुए लिख दी किताब

नज़ीर: जेल में रहते हुए लिख दी किताब

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प्रेमशंकर, मेरठ। कहते हैं जेल का जीवन कोई भी कैदी कभी भुला नहीं सकता। यहां रहते हुए जब बाहरी दुनिया से दूरियां बढ़ जाती है तो वह दौर और भी मायूस करने वाला रहता है। कई बार कैदी यह समझ ही नहीं पाता कि वह जेल में अपना समय कैसे बिताए, कैसे अपने को तनावमुक्त रखें। लेकिन जेल में 11 साल गुजारने वाले एक अनपढ़ कैदी ने न केवल अपनी कैद के दौरान पढ़ाई-लिखाई सीखी बल्कि एक पूरी किताब ही लिख डाली। अब जमानत पर बाहर आये इस युवक ने दूसरे कैदियों और समाज को संदेश दिया है कि अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कुछ भी मुमकिन है।

मेरठ के समर गार्डन में रहने वाले शकील अमीरुद्दीन कुछ समय पहले की गाजियाबाद की डासना जेल से जमानत पर रिहा हुए है। शकील ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से उन्हें ग्यारह साल बाद जमानत मिली है। लेकिन अपने जीवन के सुनहरे ग्यारह साल जेल में गुजारने के दौरान उन्होंने पढ़ाई-लिखाई सीखी और अपने मन में आने वाले विचारों पर एक पुस्तक भी लिखी है। शकील अब जेल में रहने वाले अन्य कैदियों और समाज के लिए एक नज़ीर बन गये है।

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