राहुल अग्रवाल
ज्योतिष एवं वास्तुविद
मेरठ। चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि महोत्सव और भारतीय नव संवत्सर का शुभारंभ हो रहा है। इस दिन से नव वर्ष संवत्सर 2082 का प्रारंभ हो रहा है। मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी।
इस बार काफी वर्षों के बाद अद्भुत पांच ग्रह योग बन रहा है जो लगभग सभी राशियों के लिए विशेष शुभ फलदायक रहेगा। इस दिन मीन राशि में पंचगही योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग मालव्य योग राजयोग इंद्र योग व रेवती नक्षत्र आदि का शुभ संयोग बन रहा हैं।
नवरात्रि के पहले दिन बन रहे इन शुभ योगों में घट स्थापना आपके लिए बहुत ही लाभदायक और सफलता देने वाली सिद्ध हो सकती है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रों में मां की पूजा भक्तों की समस्त इच्छाएं को पूर्ण करती हैं। इस बार खास बात यह भी है कि नवरात्रि महोत्सव के दौरान चार दिन रवि योग और तीन दिन सर्वार्थ सिद्धि योग स्थिति रहेगा। इस बार नवरात्रि का प्रारंभ 30 मार्च रविवार से प्रारंभ होकर 6 अप्रैल रामनवमी तक रहेगा। इस बार तृतीया तिथि 6 होने के कारण नवरात्रि पर्व 8 दिन का होगा। 31 मार्च को द्वितीय व तृतीया तिथि का पूजन एक साथ किया जाएगा। इस नवरात्रि में मां भगवती हाथी पर सवार होकर आएंगी मान्यता के अनुसार जब मां भगवती की सवारी हाथी पर होती है तो यह एक बेहद ही शुभ संकेत माना जाता है।
माता का हाथी पर सवार होकर आना सुख समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है इसके प्रभाव से जहां जन मानस में सुख संपन्नता बढ़ेगी। वही इस बार खेती के हिसाब से फसल भी अच्छी होगी और बारिश भी प्रचुर मात्रा में होगी।
30 मार्च नवरात्रि प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा और घट स्थापना
31 मार्च दिन सोमवार को द्वितीय नवरात्रि व्रत और मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
31 मार्च दिन सोमवार को ही तृतीया नवरात्रि व्रत में मां चंद्रघंटा की पूजा
1 अप्रैल चतुर्थ व्रत नवरात्रि मां कुष्मांडा की पूजा
2 अप्रैल पंचम व्रत नवरात्रि मां स्कंद माता की पूजा
3 अप्रैल छठा नवरात्रि व्रत मां कात्यायनी कीपूजा
4 अप्रैल सप्तम नवरात्रि व्रत मां कालरात्रि की पूजा
5 अप्रैल अष्टम नवरात्रि व्रत मां महागौरी की पूजा वह अष्टमी का कन्या पूजन
6 अप्रैल नवम नवरात्रि मां सिद्धिदात्री की पूजा रामनवमी कन्या पूजन