मुंबई। फिल्मी दुनिया का दस्तूर ऐसा ही है, यहां ज्यादातर एक्ट्रेस के करियर को मां बनने के बाद खत्म मान लिया जाता है। उन्हें काम मिलना भी बंद हो जाता है। कई अभिनेत्रियों को ऐसे रोल मिलने लगते हैं जो वो सोचती भी नहीं, लेकिन आज एक ऐसी एक्ट्रेस के बारे में बात करेंगे, जिनके करियर को मां बनने के बाद पर लग गए। मुनमुन सेन ने इस सोच को पूरी तरह खारिज कर दिया कि मां बनने के बाद एक्ट्रेस को काम की कमी हो जाती है। उन्होंने पहले एक शाही परिवार में शादी की, दो बेटियों की मां बनीं और फिर 30 साल की उम्र में बड़े पर्दे पर अपने करियर की शुरूआत की। शादी और मां बनने का सफर उनके फिल्मी करियर के बीच जरा भी नहीं आया।
1984 में फिल्म ‘अंदर बाहर’ से डेब्यू करने वाली मुनमुन सेन ने न सिर्फ अपनी सुंदरता से बल्कि आत्मविश्वास और साहसिक निर्णयों से भी सभी का ध्यान खींचा, चाहे वो स्क्रीन पर हों या निजी जीवन में। मुनमुन सेन का जन्म एक प्रतिष्ठित बंगाली परिवार में हुआ था। वह बंगाली सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री सुचित्रा सेन की बेटी हैं और उनके नाना आदिनाथ सेन एक जाने-माने उद्योगपति थे। कोलकाता में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाने के बाद उन्होंने आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की, यहां से उनकी शख्सियत को और ज्यादा गहराई मिली। शानादार एजुकेशनल बैकग्राउंड होने के बाद भी उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी
साल 1978 में उन्होंने त्रिपुरा के शाही परिवार के सदस्य भारत देव वर्मा से शादी की। उनकी दो बेटियां, रिया और राइमा सेन, भी फिल्मी दुनिया में सक्रिय हैं। मुनमुन ने हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ जैसी छह भाषाओं में 60 से अधिक फिल्मों और 40 से अधिक टीवी शोज में काम किया। ‘100 डेज’ में माधुरी दीक्षित के साथ और मिथुन चक्रवर्ती के साथ ‘कुछ तो है’, ‘मोहब्बत की कसम’, ‘जख्मी दिल’ और ‘शीशा’ जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाएं सराही गईं। उनका फिल्मी सफर सिर्फ एक अभिनेत्री का नहीं, बल्कि एक विचारशील, निडर और सीमाओं को तोड़ने वाली महिला का उदाहरण रहा।
मुनमुन सेन का नाम कई चर्चित शख्सियतों के साथ जुड़ा, जिनमें सैफ अली खान, रोमू सिप्पी और विक्टर बनर्जी जैसे नाम शामिल हैं, लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियों में उनका नाम पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और क्रिकेटर इमरान खान के साथ रहा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों ने एक मैगजीन के लिए साथ फोटोशूट किया और अफेयर की अफवाहें तेज हो गईं, हालांकि मुनमुन उस समय शादीशुदा थीं। 2019 में एक इंटरव्यू में उन्होंने स्पष्ट किया, ‘मुझे इमरान के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। अगर मेरे पति को कोई आपत्ति नहीं है तो दूसरों को क्यों होनी चाहिए?’ उन्होंने इसे एक गहरी दोस्ती करार दिया, लेकिन चचार्ओं का सिलसिला कभी थमा नहीं। सिनेमा के बाद मुनमुन सेन ने राजनीति में भी कदम रखा। वे ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से जुड़ीं और लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं। राजनीति में उनका आगमन भले ही देर से हुआ, लेकिन उन्होंने वहां भी अपनी उपस्थिति को यादगार बना दिया।


