शारदा रिपोर्टर मेरठ। जीआईएस सर्वे के फेरे में निगम अपनी हाउस टैक्स वसूली नहीं कर पा रहा है। इस साल 115 करोड़ रुपए का टारगेट है, लेकिन महज 30 करोड़ ही वसूली हो पाई है। ऐसे में निगम के पास महज तीन माह का समय बचा है। अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार ने बताया कि, हाउस टैक्स बिलों का वितरण भी किया जा रहा है।
नगर निगम बोर्ड के आदेश पर अब नगर निगम एक लाख से अधिक नए भवन स्वामियों से जीआईएस सर्वे के आधार पर नया गृहकर वसूल करेगा। वहीं सवा दो लाख से अधिक पुराने भवन स्वामियों को राहत देते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-2025 से जीआईएस सर्वे के आधार पर नये गृहकर की वसूली करेगा। पिछले दो वित्तीय वर्ष 2022-2023 और 2023-2024 का बढ़ा हुआ गृहकर वसूल नहीं करेगा।
वहीं, नगर आयुक्त स्तर पर जीआईएस सर्वे की समीक्षा में पाया कि कंपनी ने कुल 4.49 लाख संपत्तियां चिह्नित की गई, जिसमें करीब 80 हजार प्लॉट पाये गये। इसके बाद कुल 3,69,221 संपत्तियां जीआईएस सर्वे में चिह्नित की गईं। इन संपत्तियों को गृहकर के दायरे में या संशोधित करने के लिए पाया गया।
समीक्षा में पाया कि, जीआईएस सर्वे में सवा दो लाख से अधिक पुरानी संपत्तियों को भी शामिल किया गया है, जिसका जीआईएस के आधार पर गृहकर का नया निर्धारण किया गया। वहीं, एक लाख से अधिक संपत्तियां नई चिह्नित की गईं।
अब निर्णय यह लिया है कि पुरानी संपत्तियों पर बढ़ा हुआ गृहकर वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-2025 से ही लिया जाए। ऐसी संपत्तियों के भवन स्वामियों से 2022-2023 और 2023-2024 का बढ़ा हुआ गृहकर नहीं लिया जाएगा। यदि उन पर पहले का कोई बकाया होगा तो वह वसूल किया जाएगा।
एक लाख से अधिक नई संपत्तियों को अब जीआईएस सर्वे के आधार पर गृहकर के दायरे में लाया जाएगा। ऐसे भवन स्वामियों से एक अप्रैल 2022 से गृहकर की वसूली होगी। निगम अधिकारियों के अनुसार यह सारा फैसला नगर निगम बोर्ड के आदेश पर हुआ है।
हाउस टैक्स की वसूली के लिये बने हेल्प डेस्क
मेरठ। नगर निगम तीनों जोनों में (मुख्यालय जोन में नगर निगम स्थित कन्ट्रोल रूम में) व शास्त्रीनगर बी ब्लॉक स्थित सामुदायिक केन्द्र में स्थापित क्षेत्रीय कार्यालय, कंकरखेड़ा जोन में डिफेन्स एन्कलेव में क्षेत्रीय कार्यालय में भी एक-एक हेल्प डेस्क स्थापित करायी गयी है। तीनों जोनों में स्थापित हेल्प डेस्क पर प्रत्येक दिन दो-दो लिपिक को तैनात कर दिया गया है। तीनों जोनों में तकनीकी सहायता के लिए कर अधीक्षकों की अध्यक्षता में एक-एक कमेटी का भी गठन नगर आयुक्त के निदेर्शों पर किया गया है। गठित की गई समिति में जोनल कर अधीक्षक-अध्यक्ष रहेंगे। संबंधित राजस्व निरीक्षक पदेन सदस्य/संयोजक समिति रहेंगे। एक अन्य राजस्व निरीक्षक, जिसे कर अधीक्षक सदस्य नामित करना चाहे जो आपत्तिकर्ता के वार्ड से संबंधित नहीं होंगे समिति में सदस्य होंगे। संबंधित वार्ड लिपिक-सदस्य समिति होंगे। उक्त समिति प्राप्त गृहकर के प्रकरण का सात दिनों में निस्तारण करेगी। यदि गृहकर के निस्तारण में सात दिन से अधिक का समय लगता है तो उसका कारण भी निस्तारण में समिति/संबंधित कर अधीक्षक द्वारा अंकित किया जायेगा।