– राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर को हटाने की की उठाई मांग – बड़ी संख्या में पहुंचे दलितों को देख फूले पुलिस प्रशासन के पांव
शारदा न्यूज रिपोर्टर
मेरठ। नगर निगम बोर्ड बैठक के बाहर हुई मारपीट का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। शनिवार को सपा नेता योगेश वर्मा और मुकेश सिद्धार्थ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में दलितों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस दौरान योगेश वर्मा ने कहा कि राज्यमंत्री और एमएलसी के खिलाफ कार्रवाई तक दलित शांत नहीं बैठेगा। क्योंकि यह दो पार्षदों का नहीं बल्कि मनुवादी सोच के तहत सत्ता के मद में चूर नेताओं द्वारा पूरे दलित समाज का अपमान है।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में दलित चौधरी चरण सिंह पार्क पर एकत्र हुए। हस्तिनापुर से लेकर मोहिउद्दीनपुर और किठौर तथा खरखौदा क्षेत्र तक के दलित समाज के लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए। सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की रही तो महिलाएं भी इस प्रदर्शन में रही। इस प्रदर्शन को लेकर सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ और योगेश वर्मा दोनों ने ही संयुक्त प्रयास किए थे।
पुलिस- प्रशासन के रोकने बावजूद दलित समाज के लोग जबरन कलक्ट्रेट में घुस गए और जमकर नारेबाजी करते हुए राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर को बर्खास्त करने की मांग की। इस दौरान योगेश वर्मा ने कहा कि भाजपा सर्व समाज की बात करती है, लेकिन उसके मंत्री और विधायक दलित पार्षदों को जाति सूचक शब्द बोलते हुए न केवल गालियां देते हैँ, बल्कि थप्पड़ भी मारते हैं। इससे भाजपा का असली चेहरा जाहिर होता है।
मुकेश सिद्धार्थ ने कहा कि यदि भाजपा नेतृत्व सोमेंद्र तोमर को मंत्री पद से नहीं हटाती है, तो यह माना जाएगा वह भी इस कृत्य और सोच में अपने मंत्री के साथ है और संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि न्याय मिलने तक दलित समाज चुप नहीं बैठेगा, बल्कि एकजुट होकर आंदोलन करेगा। उन्होंने कहा कि यदि हमें सड़क से सदन तक भी आंदोलन करना पड़ा तो पीछे नहीं हटेंगे। इसके लिए चाहे हम पर लाठियां बरसाई जाएं या फिर गोलियां चलाई जाए। लेकिन इस मामले में अब दलित समाज चुप नहीं बैठेगा।
सरधना विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि वह पूरी तरह दलित समाज के साथ हैं। क्योंकि सपा किसी जाति मजहब के तहत काम नहीं करती है, बल्कि भाईचारा और अमन चैन कायम करना चाहती है। इसलिए पीड़ित पार्षदों को न्याय मिलने तक वह पूरी तरह उनके साथ हैं।
वहीं पीड़ित पार्षद कीर्ति और कुलदीप घोपला ने प्रदर्शन के बीच अपने साथ हुई घटना को सिलसिलेवार बताया। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस समझदारी न दिखाती तो उस दिन भाजपाई उसे जिंदा जला देते। कीर्ति घोपला के संबोधन के बाद युवकों ने जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों के बीच एडीएम सिटी ब्रिजेश कुमार सिंह ने जाकर ज्ञापन लिया। जिसके बाद प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए वापस चले गए।