- कमिश्नर आवास चौराहा पर मुखिया गुर्जर फिर हिरासत में लिए गए, सम्राट मिहिर भोज जयंती पर जुलूस की अनुमति नहीं।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। मवाना में सम्राट मिहिर भोज जयंती पर समाजवादी पार्टी नेता आकाश गुर्जर द्वारा जुलूस निकालने की घोषणा के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। शासनादेश के मुताबिक नई परंपरा की अनुमति न होने के कारण प्रशासन ने जुलूस की मंजूरी नहीं दी है।
आकाश गुर्जर ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर बड़ी संख्या में लोगों के जुटने का दावा किया है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि, बिना अनुमति जुलूस निकालने और कानून व्यवस्था बिगड़ने पर आयोजक जिम्मेदार होंगे। एसपी देहात राकेश कुमार मिश्र के आदेश पर सभी सर्किल सीओ, थाना प्रभारी और पुलिस बल को मुख्य चौराहों और संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया है।
प्रशासन ड्रोन कैमरों से निगरानी कर रहा है। एसडीएम और तहसीलदार स्वयं सड़कों पर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। जबकि, शांति व्यवस्था के लिए आरआरएफ बटालियन की पांच गाड़ियां मवाना में तैनात की गई हैं। पूरी तहसील का पुलिस बल और जिले से अतिरिक्त पुलिस फोर्स भी मौजूद है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह की अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं, पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुखिया गुर्जर ने कहा सेना कि, राजपूत रेजीमेंट से गुर्जरों को अलग किया जाए। क्योंकि गोली गुर्जर खाता है, जबकि, कंधे पर लिखा होता राजपूत। उन्होंने कहा कि, सेना में गुर्जर रेजीमेंट अलग से बनाई जाए। हालांकि मेरी जाति से कोई लड़ाई नहीं है।
उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि 25 सितंबर को पूरे देश के गुर्जर समाज को बुलाऊंगा और इसके लिए किसी से भी तरह की कोई परमिशन नहीं लूंगा और अगर जरूरत पड़ी तो अपने प्राण त्याग दूंगा।
उन्होंने कहा कि, लाठी ताकत से संविधान के दायरे में अपना अधिकार लेकर रहेंगे। मैने अधिकारियों से परमिशन मांगी थी। लेकिन मुझे परमिशन नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि, मैं सड़को पर भिड़ने के लिए तैयार बैठा हूं। 1857 की क्रांति के इतिहास को क्रांति भूमि पर दोबारा से दोहरा देंगे।
मुखिया गुर्जर ने कहा कि, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा है कि गुर्जर समाज को गले लगाकर चलूंगा। गुर्जर समाज के लिए पहले ही राजनीति को खूंटी पर टांग देते हैं। समाज के लिए महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह को बचाने के लिए पन्ना दाई गुजरी ने अपने बेटे का सर कलम करवा दिया था।
इस दौरान मुखिया गुर्जर के भड़ाकऊ भाषण देने पर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने उन्हें एक बार फिर से हिरासत में ले लिया। सीओ सिविल लाइन उन्हें अपनी गाड़ी में बैठाकर ले गए। इस दौरान काफी हंगामा भी हुआ। उनके समर्थकों ने भी गिरफ्तारी देने की बात कही तो, पुलिस ने बस मंगवा ली। जिसमें कुछ समर्थक बैठ भी गए। हालांकि बाद में पुलिस ने मुखिया गुर्जर को उनके आवास पर ले जाकर छोड़ दिया।