मेरठ। नवरात्र की चतुर्थ देवी का स्वरूप माँ कुष्मांडा की पूजा विधि विधान तरीके से आज शक्तिधाम मन्दिर में अपने निर्धारित कार्यक्रमानुसार संत नीरज मणि जी द्वारा यजमानों से पूजा अर्चना उपरान्त चौकी-सत्संग का प्राराम गणेश वन्दना के साथ किया गया। तदोपरान्त सत्संग में उपस्थित भक्तजनों द्वारा अपने अपने सुरों में माता रानी की भेंटे व गुरुजनों का गुणगान किया गया जिससे सत्संग हाल में उपस्थित भक्तजनों ने भी अपने अपने सुरों में गाया।
संत श्री नीरज मणि जी द्वारा भी माता रानी की सुन्दर भेंटों को सुनाकर भक्तों को निहाल किया। सन्त जी ने प्रवचनों में कहा कि माता रानी अपने भक्तों में कष्ट, रोग, भय को दूर करती है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी परिस्थतियों में नाम-जाप का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। संत जी ने कहा कि अमृत वाणी में लिखा है वि धरना घोर घंटे जिस बेर दुर्जन दुखड़े लेवें धेर। जपिए राम नाम किन देर रखिए राम राम शुभ देर । सत्संग के अन्त में संत महाराज जी शरा यज्ञमानों को माता की आरती रश तथा स्वंय माता की आरती उतार सत्संग की समाप्ती की।