मुजफ्फरनगर। मीरापुर उपचुनाव को लेकर रालोद के दावेदारों को इंतजार आज खत्म हो गया है। रालोद ने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करते हुए पूर्व विधायक के नाम को फाइनल किया है। वहीं सपा की बात करें तो सपा ने मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला है। मीरापुर उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। समाजवादी पार्टी ने जहां मीरापुर से सुम्बुल राणा पर दांव खेला है वहीं रालोद के दावेदारों को इंतजार भी आज खत्म हो गया है। रालोद ने यहां पूर्व विधायक मिथलेश पाल के नाम पर मुहर लगा दी है।
राष्ट्रीय लोकदल द्वारा आगामी मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के लिए मोरना (मीरापुर) से राष्ट्रीय लोकदल की पूर्व विधायक मिथलेश पाल को प्रत्याशी बनाया गया है। मिथलेश पाल वर्ष 2009 में हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल की ओर से विधायक निर्वाचित हुई थीं।
मिथलेश पाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत 1995 में हुए जिला पंचायत चुनाव से की थी जिसमें वह विजय हुईं और उसके बाद 2009 में मोरना (मीरापुर) से विधायक निर्वाचित हुईं थीं।
2024 के उपचुनाव में भी राष्ट्रीय लोकदल द्वारा उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है। मिथलेश पाल पिछड़े समाज की महिला हैं और मीरापुर विधानसभा में पिछड़ी जाति के साथ-साथ अन्य समाज में भी पकड़ रखती हैं।
सपा ने सुम्बुल राणा पर चला दांव: मीरापुर उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने सुम्बुल राणा पर दांव खेला है। सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा ने आज नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। पूर्व जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, जिलाध्यक्ष जिया चौधरी एडवोकेट के साथ राना नामांकन करने पहुंचीं। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद कादिर राणा की पुत्रवधू को टिकट दिया है। सुम्बुल राणा बसपा नेता मुनकाद अली की बेटी हैं।
लखनऊ में सपा से टिकट के लिए 25 दावेदारों ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को अपना-अपना गणित समझाया था। पूर्व सांसद कादिर राणा अपने बेटे शाह मोहम्मद को लेकर टिकट दिलाने गए थे। लेकिन एन वक्त पर शाह मोहम्मद के बजाए उनकी पत्नी सुम्बुल राणा को टिकट मिला। सुम्बुल राणा ने भी नामांकन कर दिया है।
बसपा से प्रत्याशी शाह नजर ने किया नामांकन
वहीं बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा से प्रत्याशी शाह नजर भी आज अपना नामांकन करने पहुंचे। उनके साथ लोकसभा चुनाव लड़ चुके दारा सिंह प्रजापति भी मौजूद रहे।
महिला प्रत्याशी होंगी आमने-सामने
मीरापुर उपचुनाव के लिए रालोद ने पूर्व विधायक और वर्तमान में भाजपा नेता मिथलेश पाल को टिकट दिया है। कहा जा रहा है कि अति पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए रालोद ने ये दांव चला है। मिथलेश पाल साल 2009 के उपचुनाव में मोरना से नूरसलीम राना को हराकर विधायक चुनी गईं थीं। इसके बाद से उन्हें किसी चुनाव में जीत नहीं मिली। तीन साल पहले वह भाजपा में शामिल हो गईं थीं लेकिन 2022 में उन्हें टिकट नहीं मिला। सपा के बाद अब भाजपा-रालोद गठबंधन ने भी महिला प्रत्याशी को ही मैदान में उतारा है।