- पुलिस की कहानी में झोल।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय (केजीबीवी) से लापता तीनों छात्राएं शुक्रवार रात को बरामद कर ली गईं। एक छात्रा को उसके ताऊ के घर से बरामद किया गया है, जबकि दो छात्राओं को उनके घर से बरामद किया गया है। लापरवाही के मामले में कस्तूरबा विद्यालय की प्रभारी वार्डन रीना और पूर्ण कालिक शिक्षिका बिंदिया की सेवा समाप्त कर दी गई है।
खंड शिक्षा अधिकारी सरूरपुर अजय कुमार को हटा दिया गया है। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा नेमपाल सिंह और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। विद्यालय की सुरक्षा में तैनात दो महिला होमगार्ड को भी हटाकर उनकी भूमिका की जांच के आदेश दिए गए हैं।
सरूरपुर थाना क्षेत्र के भूनी गांव में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में 100 छात्राएं पढ़ती हैं। ईद के चलते 57 छात्राएं घर गईं थी। विद्यालय में 43 छात्राएं मौजूद थीं। गुरुवार को तीन छात्राएं विद्यालय से लापता हो गईं। विद्यालय के स्टाफ ने किसी को इसकी जानकारी नहीं दी। गुपचुप छात्राओं की तलाश की जाती रही।
इसके बाद हॉस्टल की वार्डन रीना ने बीएसए आशा चौधरी को पूरे मामले की
जानकारी दी। बीएसए मौके पर पहुंची लेकिन इसके बाद भी पुलिस और प्रशासन के अफसरों को सूचना नहीं दी गई। जब छात्राओं के बारे में उनके परिजनों से फोन करके पूछा गया तो वे रात में विद्यालय पहुंच गए। परिजनों ने पुलिस को पूरे मामले की सूचना दी।
जिसके बाद रात में थाना प्रभारी अजय शुक्ला, सीडीओ नूपुर गोयल, एडीएम प्रशासन बलराम आवासीय विद्यालय पहुंचे। इसके बाद डीएम और एसएसपी ने मौके पर पहुंचकर जांच की। वार्डन रीना की तरफ से सरूरपुर थाने में तीनों छात्राओं के लापता होने का मुकदमा दर्ज कराया गया। एसएसपी ने 20 पुलिसकर्मियों की पांच टीमें बनाकर छात्राओं की तलाश शुरू कराई।
रात में जानकार के घर रुकीं, दोपहर को अपने घर गईं: विद्यालय से निकलने के बाद छात्राएं भूनी चौराहे पर पहुंची। यहां पर छात्राओं ने स्कूटी पर जा रहे एक युवक को रोका। उससे कहा कि उनको अपने घर पर कॉल करना है। स्कूटी सवार युवक ने अपने मोबाइल से उनकी बात कराई। एक छात्रा ने उसके मोबाइल से मेडिकल थाना क्षेत्र में रहने वाले अपने एक साथी को फोन किया। इसके बाद छात्राएं वहां से पैदल ही सरधना पहुंची। वहां से बस में बैठकर सरधना फ्लाइओवर पर उतर गईं। यहां से ई-रिक्शा में बैठकर रात दस बजे हापुड़ अड्डे पर पहुंची। वहां से पैदल ही मेडिकल थाना क्षेत्र में अपने एक परिचित के पास चली गईं। रातभर तीनों छात्राएं वहीं पर रुकी। सुबह पूरा मामला खुलने पर उनके परिचित ने सभी छात्राओं को उनके घर पर पहुंचाया।
पुलिस ने सभी को उनके घर से बरामद किया। पूछताछ में छात्राओं ने बताया कि मोबाइल पकड़ा जाने पर वार्डन ने डांट लगा दी थी। इसके चलते वह
नाराज होकर पीछे के रास्ते से बाहर निकल गईं।
हर्रा के सुहेल से होती थी बात
जांच में सामने आया कि छात्राओं की एक सहेली हर्रा गांव में है। उसके भाई सुहेल से उनकी बात होती थी। पुलिस ने सुहेल से पूछताछ की लेकिन छात्राओं के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने सर्विलांस की मदद से लोकेशन ट्रेस करते हुए सीसीटीवी खंगाले। देर शाम तक छात्राओं की लोकेशन हापुड़ अड्डे तक मिल गई। गुरुवार रात दस बजे हापुड़ अड्डे के पास लगे सीसीटीवी में दो छात्राएं नजर आईं। यहां से दोनों छात्राएं गढ़ रोड से मेडिकल कॉलेज की तरफ जाते दिखीं। तीसरी छात्रा के सरधना थाना क्षेत्र में उसके ताऊ के घर पर होने की लोकेशन मिली। जिसके बाद पुलिस ने छात्रा को बरामद कर लिया। शुक्रवार देर रात को पुलिस ने दो अन्य छात्राओं को उनके घर से बरामद कर लिया।
सुबह हुई गायब तो शाम तक कहां रही?
इस पूरे प्रकरण में कई सारे सवाल उठ रहे हैं। छात्राओं का हॉस्टल से फरार होने का गुरूवार दोपहर करीब दो बजे पता चला। इसका मतलब है कि छात्राएं इससे पहले जा चुकी थी। जिसका समय कोई नहीं बता रहा है। जबकि छात्राओं के देर रात मेरठ स्थित रिश्तेदार के यहां पहुंचने की बात की जा रही है। ऐसे में अगर सफर का समय निकाल दिया जाए तो करीब छह घंटे छात्राएं कहां रही? यह सवाल अब उठ रहा है।
ईद के दिन भी छात्राओं के बाहर जाने की चर्चा
ईद के दिन भी कस्तूरबा विद्यालय की कई छात्राओं के हर्रा खिवाई के एक मुस्लिम परिवार में दावत खाने के लिए जाने की बात सामने आ रही है। इसमें ये भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि वार्डन भी उनके साथ थीं। कमेटी इन आरोपों की भी जांच कर रही है।
हिंदू संगठन और लोगों ने किया हंगामा
छात्राओं के लापता होने के मामले में विद्यालय के स्टाफ पर आरोप लगाते हुए हिंदू संगठन के लोगों और व्यापारी नेता शैंकी वर्मा आदि ने जमकर हंगामा किया। विद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
मामला बढ़ा तो खुद से पहुंची छात्राएं
सूत्रों की अगर मानें तो शुक्रवार को जब मामला बढ़ने लगा तो उसकी खबर पाकर छात्राएं खुद ही सामने आ गई। मतलब साफ है कि शुक्रवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य डा. मीनाक्षी भराला ने हॉस्टल की छात्राओं से बात करने के बाद जिस रैकेट का जिक्र किया था, वही गिरोह इस पूरी घटना में नजर आ रहा है। ऐसे में पुलिस को अब इस मामले में छात्राओं से गहनता से पूछताछ कर मामले की तह तक जाकर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
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