Saturday, October 11, 2025
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दिल्ली हाट की तर्ज पर विकसित होगा मेरठ का सूरजकुंड पार्क, मेडा ने 30 करोड़ रुपए का बजट किया निर्धारित

सूरजकुंड पार्क को विकसित करने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण ने 30 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संजय मीना ने बताया कि पार्क के पुनर्विकास के लिए इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान फॉर मेरठ 2025 में शामिल किया है।

  • स्थानीय उत्पाद को मिलेगा मंच।

  • मेरठ विकास प्राधिकरण ने 30 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। सूरजकुंड मार्केट देशभर में खेल के उत्पादों की बड़ी मंडी के तौर पर जाना जाता है। ऐतिहासिक सूरजकुंड पार्क को दिल्ली हाट की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। इससे मेरठ के हुनर, कला और यहां के परंपरागत उत्पादों को एक मंच मिल सकेगा।
शहर के बीच में बने ऐतिहासिक सूरजकुंड पार्क को मेरठ का दिल कहा जाता है। सूरजकुंड पार्क को विकसित करने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण ने 30 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संजय मीना ने बताया कि पार्क के पुनर्विकास के लिए इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान फॉर मेरठ 2025 में शामिल किया है।

दिल्ली हाट की तर्ज पर विकसित करते हुए यहां विशेष रूप से स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों के लिए यहां एक ही जगह पर स्थायी स्टॉल होंगे और विशेष प्लेटफार्म बनाए जाएंगे।

यहां पूरे साल जिले के हुनरमंद हस्तशिल्प आर्टिस्ट के लिए अपने उत्पादों की बिक्री करने का अवसर मिल सकेगा। शहर को सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए भी यहां एंफीथियेटर बनेगा, जिसमें बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर लोककला और शास्त्रीय नृत्य समेत संगीत से जुड़े आयोजन भी हो सकेंगे।

 

 

लगेगा वाटर कर्टन प्रोजेक्शन: वीसी संजय मीना ने बताया कि 30 करोड़ का बजट इसके लिए निर्धारित किया जा चुका है। मंडलायुक्त हृषिकेश भास्कर यशोद से भी इस प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा हो चुकी है। पार्क में स्थित तालाब वाले क्षेत्र में म्यूजिकल फाउंटेन से लेकर वाटर कर्टन प्रोजेक्शन की स्थापना भी की जाएगी, जहां अपने तरह की अनूठी पानी के पर्दे पर प्रस्तुति भी लोगों को देखने को मिल सकेगी।

हाट से होकर जाएगा पार्क का रास्ता

संजय मीना ने बताया कि मेरठ की सांस्कृतिक पहचान को लोग ओर नजदीक से जान सकेंगे। साथ ही स्थानीय कारीगरों को नया बाजार मिलेगा। पार्क का जो मुख्य रास्ता होगा, वह भी हाट के मध्य से होकर जाएगा। जिससे जो भी लोग यहां आएं, उन्हें यहां के बने तमाम उत्पाद और यहां की हर चीज देखने को मिले। अगर वह खरीदना चाहें तो खरीद भी सकेंगे।

 

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