- आजाद समाज पार्टी ने योगी सरकार के खिलाफ किया कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। कौशांबी और प्रयागराज में हुई घटना की सीबीआई जांच की मांग और योगी सरकार की शिक्षा नीति के खिलाफ गुरुवार को आजाद समाज पार्टी के दर्जनों कार्यकतार्ओं ने कमिश्नरी चौराहे पर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे कार्यकतार्ओं ने राज्यपाल के नाम संबोधन ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय पर सौंपते हुए सरकारी स्कूलों के विलय का शासनादेश को तत्काल रद्द करने की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष एडवोकेट चरण सिंह ने कहा कि, एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में दलित, वंचित और पिछड़े समाज के लोगों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है तो वहीं, प्रदेश की योगी सरकार अब गरीबों के बच्चों से शिक्षा का अधिकार भी छीन रही है। उन्होंने कहा कि, 16 जून, 2025 का शासनादेश, जिसमें 27,000 प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर पास के स्कूलों में विलय करने का फैसला लिया गया। यह गरीब, दलित, और वंचित बच्चों के भविष्य पर सीधा हमला है।
उन्होंने कहा कि स्कूल बंद होने से 1,35,000 सहायक शिक्षकों, 27,000 प्रधानाध्यापकों, शिक्षामित्रों और रसोइयों की नौकरियाँ दाँव पर हैं। लाखों बच्चे शिक्षा से वंचित होंगे, और टीईटी उत्तीर्ण नौजवान बेरोजगारी और अवसाद के शिकार होंगे। योगी सरकार सरकारी स्कूलों को कुचलकर मानकविहीन निजी स्कूलों को मान्यता दे रही है, जिससे शिक्षा का निजीकरण चरम पर है। जबकि, मिड-डे मील में नमक-रोटी और कीड़े-मकोड़े परोसकर सरकार गरीब बच्चों को स्कूल से भगा रही है।
योगी जी का शिक्षा मॉडल निजी स्कूल मालिकों को मालामाल और गरीब बच्चों को अशिक्षा के अंधकार में धकेल रहा है। आजाद समाज पार्टी माँग करती है कि, यह शासनादेश तुरंत रद्द किया जाए।