Wednesday, June 18, 2025
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मेरठ: आखिर किसने दी इतने गहरे खनन की अनुमति, बेसमेंट खोदाई हादसे को लेकर उठ रहे सवाल

  • गंगानगर यू पॉकेट में हुए हादसे को लेकर उठ रहे सवाल।
  • मेडा के साथ ही खनन विभाग भी जांच के घेरे में।

शारदा न्यूज, रिपोर्टर |

मेरठ। गंगानगर यू पॉकेट में बेसमेंट खोदाई के दौरान हुए हादसे को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। इन सवालों के बीच मेडा और खनन विभाग दोनों जांच के घेरे में आ गए हैं। क्योंकि यदि बेसमेंट खोदाई की अनुमति दी भी गई थी, तो उसका मानक क्या था। क्योंकि मौके पर जितना गहरा खनन हुआ है, उससे लग रहा है कि दो मंजिला बेसमेंट बनाने की तैयारी प्लॉट मालिक की थी।

 

गंगानगर यू पॉकेट में रविवार को बेसमेंट खोदाई के दौरान मिट्टी की ढांग गिरने से उसके नीचे दबकर तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस, एमडीए और खनन विभाग अलग-अलग जांच कर रहे हैं। लेकिन मौके पर हुए खनन को देखने के बाद हर कोई हैरत में है कि आखिर वहां बेसमेंट ही बनाने की तैयारी थी या कुछ और बनाने की मंशा से खोदाई हो रही थी।

 

क्योंकि बेसमेंट खोदाई के लिए अधिकतम आठ से दस फुट गहराई की खोदाई पर्याप्त होती है। क्योंकि बेसमेंट का लिंटर ग्राउंड फ्लोर पर करीब तीन फुट से ज्यादा ही ऊपर डाला जाता है। ऐसे में आठ फुट की खोदाई के बाद तैयार बेसमेंट की ऊंचाई दस फुट आराम से हो जाती है। लेकिन इस बेसमेंट को तैयार करने के लिए करीब 20 फुट की खोदाई मजदूरों द्वारा की जा चुकी थी और अभी भी खोदाई जारी थी। ऐसे में लोगों के बीच चर्चा है कि दो मंजिला बेसमेंट की तैयारी प्लॉट मालिक की थी।

 

आखिर बनाना क्या चाहता था

जिस प्लॉट में यह खोदाई चल रही थी वह आवासीय श्रेणी के अंतर्गत आता है। ऐसे में आवास के भीतर सिर्फ एक ही बेसमेंट की अनुमति दी जा सकती है। फिर इतनी गहराई तक खोदाई की आवश्यकता क्या थी।

 

मेडा और खनन विभाग पर उठ रहे सवाल

यदि कोई अपने निर्मित आवास में एक दीवार भी खड़ी करता है, तो मेडा के कर्मचारी तत्काल वहां जाकर नोटिस थमा देते हैं। यही हाल खनन विभाग का भी है। वैसे भी दोनों विभाग की अनुमति के बाद ही बेसमेंट खनन का काम हो सकता है। अनुमति के बाद क्यों नहीं दोनों विभाग के कर्मचारियों ने मौका मुआयना करना उचित समझा? इसे लेकर दोनों विभाग जांच के दायरे में आ रहे हैं।

 

हाथ नहीं आए मौतों के जिम्मेदार

मेरठ। गंगानगर एक्सटेंशन की यू- पाकेट में बिना अनुमति अवैध रूप से किए जा रहे खनन और उससे हुई तीन मौत पर पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
उधर, तीन मजदूरों के काल बने गड्ढे को देखने वालों का दिनभर तांता लगा रहा। पुलिस ने आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी का दावा किया है। रविवार शाम गंगानगर एक्सटेंशन हादसे की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भावनपुर पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने प्लाट मालिक व कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम के आधार पर पता तलाश, लेकिन सफलता नहीं मिली। एएसपी नितिन तनेजा ने बताया कि वैशाली भेजी गई टीम ने जांच की, लेकिन इस नाम की कोई कंपनी नहीं मिली। अवकाश होने के कारण प्लाट मालिक रघुनाथ राय का पता भी नहीं लग सका। उन्होंने मानचित्र स्वीकृत होने व खनन विभाग से बेसमेंट खोदने की जानकारी से भी इंकार किया।

 

एएसपी ने बताया कि मंगलवार को आफिस खुलने पर इन विभागों से जानकारी जुटाई जाएगी। दो दिन बीतने पर भी हाथ नामजद ठेकेदार नहीं आए। पुलिस ने हिरासत में लिए ठेकेदार के एक कारिंदे को भी छोड़ दिया। पुलिस जांच व कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

 

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