- बिजनौर बैराज से 2.34 लाख क्यूसेक पानी छूटा, गंगा किनारे के गांवों में दहशत।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। मवाना, हस्तिनापुर और बिजनौर में गंगा का लगातार बढ़ता जलस्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों के लिए संकट बन गया है। पिछले कई दिनों से हो रही बारिश और बिजनौर बैराज से गंगा नदी में छोड़े गए 2.34 लाख क्यूसेक पानी के कारण गंगा किनारे बसे दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
फतेहपुर प्रेम, सिरजेपुर, शेरपुर, गावड़ी, हंसापुर, परसापुर, कुन्हेड़ा, चमरोज, लतीफपुर भीमकुंड, खेड़ी कला, बधवा, मनोहरपुर, दूधली, मखदुमपुर और बस्तौरा सहित आसपास के गांवों में गंगा का पानी खेतों और संपर्क मार्गों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। कई स्थानों पर निचले इलाकों में जलभराव शुरू हो चुका है। इससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है।
गांवों में रहने वाले किसानों के लिए यह स्थिति चिंताजनक है। खेतों में खड़ी धान, गन्ना और सब्जी की फसलों पर संकट है। जिन इलाकों में संपर्क मार्ग पहले से जर्जर हालत में हैं, वहां ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित हो सकता है। जलस्तर की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें गंगा तटीय गांवों में लगातार निगरानी कर रही हैं। ग्राम प्रधानों और ग्रामीण चौकियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।
एसडीएम संतोष सिंह ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ने पर राहत एवं बचाव टीमें सक्रिय की जाएंगी। ग्रामीणों से अफवाहों से बचने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील है।” मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में फिर से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इससे गंगा के जलस्तर में और बढ़ोतरी हो सकती है। प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।