- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की लाभार्थी को भी नहीं मिला इलाज,
- त्वचा रोगियों को नहीं दी जा रही एलर्जी की दवा।
प्रेमशंकर, मेरठ। सरकार द्वारा गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के इलाज के लिए जिला अस्पताल की व्यवस्था की गई है। इस अस्पताल में रोजाना बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते है। अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों को सभी तरह की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने की दावे भी किये जाते है लेकिन इन दवों से उलट सच्चाई कुछ और है।

जिला अस्पताल में मरीजों का इलाज के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा है। जबकि ऐसी दवाएं जिन्हें आमतौर पर अस्पताल में आसानी से उपलब्ध कराये जाने की बात कही जाती है वह भी गलत साबित हो रही है।

केस एक: मंगलवार को बड़ौत रोड स्थित खिवाई गांव की रहने वाली मुन्नी देवी सुबह आठ बजे ही जिला अस्पताल पहुंची थी। मुन्नी ने बताया कि गिरने की वजह से उसके बाएं हाथ की हड्डी टूट गई थी। गांव में एक निजी डाक्टर से इलाज कराया लेकिन कोई लाभ नहीं होने पर जिला अस्पताल पहुंची है। लेकिन यहां सर्जरी विभाग की ओपीडी में डाक्टरों ने उसे धकिया कर बाहर निकाल दिया। मुन्नी ने बताया वह डाक्टरों से एक्स-रे लिखने की गुहार लगाती रही लेकिन उन्होंने बिना एक्स-रे लिखे उसे कमरे से बाहर निकाल दिया। इस दौरान मुन्नी दर्द से कराहती रही।
– प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की लाभार्थी है पीड़िता
मुन्नी देवी ने बताया वह करीब साढ़े तीन घंटे से अस्पताल में भटक रही है लेकिन कोई उसकी मदद नहीं कर रहा है। मुन्नी ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का कार्ड दिखाते हुए बताया कि वह सरकारी योजना की लाभार्थी है बावजूद इसके उसे इलाज नहीं मिल रहा है।
केस दो: त्वचा रोग विभाग में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों ने पहचान छिपाने की शर्त पर बताया ओपीडी में डाक्टर एलर्जी की दवा नहीं लिख रहे है। एलर्जी के लिए जिस ट्यूब को लिखा जा रहा है वह असरदार नहीं है। जबकि जो ट्यूब असरदार है उसे नहीं लिखा जाता। कुछ मरीजो ने आरोप लगाया कि असरदार ट्यूब को जिला अस्पताल के बाहर मौजूद मेडिकल स्टोर्स पर बेच दिया जाता है। इस वजह से पर्चे पर लिखी यह एलर्जी की ट्यूब बाहर मेडिकल स्टोर्स से 70 में खरीदनी पड़ रही है। ऐसी और भी दवाएं है जिन्हें बाहर से खरीदना पड़ता है।
“सर्जरी ओपीडी में जिन मरीजों को एक्स-रे की जरूरत होती है उनके लिए एक्स-रे लिखा जाता है। जबकि एलर्जी की दवा नहीं लिखी जा रही यह आरोप गलत है। किसी भी ओपीडी में बाहर की दवाएं नहीं लिखी जाती।” – डा. कौशलेन्द्र, अधिक्षक जिला अस्पताल, मेरठ।