- सर्जरी के दौरान महिला की मौत, नाराज परिवार वालों ने घेरा सीएमओ ऑफिस।
- महिला के परिवार वालों ने डॉक्टर और अस्पताल के खिलाफ मुकदमे की मांग की।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। न्यूट्रिमा अस्पताल में रजनी गुप्ता की मौत के मामले में 20 दिन बाद भी सीएमओ द्वारा जांच रिपोर्ट न देने के चलते मृतक महिला के परिवार वालों ने डॉक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ”माँ के हत्यारे को फांसी दों” और ”माँ को न्याय दिलाओ” लिखी तख्ती हाथों में लेकर पीड़ितों ने जमकर नारेबाजी की। महिला के परिवार वालों ने डॉक्टर और अस्पताल के खिलाफ मुकदमे की मांग की।
करीब 20 दिन पहले न्यूटीम अस्पताल में सदर बाजार क्षेत्र की रहने वाली रजनी गुप्ता की सर्जरी के दौरान मौत हो गई थी। मृतक रजनी गुप्ता भाजपा नेता की बहन थी। मौत के बाद मृतका के परिवार वालों में हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया था और डॉक्टर पर मुकदमे की मांग को लेकर हॉस्पिटल में धरना दे दिया था। पुलिस ने मौके पर पहुचकर महिला के शव को पोस्टमार्टम को भेज दिया था। वही डीएम के आदेश पर मामले की जांच के आदेश सीएमओ को दिए थे।
इसी को लेकर बुधवार को मार्तिका के परिवार वाले सीएमओ ऑफिस पहुंचे। उन्होंने वहां जमकर हंगामा कर दिया और सीएमओ पर जाँच रिपोर्ट भेजने में देरी जैसे गंभीर आरोप लगाए। मृतक महिला के परिवार वाले अस्पताल सहित डॉक्टर के खिलाफ मुकदमे की मांग कर रहे थे।
रजनी गुप्ता की मौत को लेकर सीएमओ ऑफिस के सामने व्यापारियों का प्रदर्शन
सपा नेता सनी गुप्ता की माता रजनी गुप्ता के इलाज के दौरान लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक ऋषि सिंघल पर कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के दर्जनों सदस्य बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचे और डॉक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने चिकित्सक ऋषि सिंघल के खिलाफ एक शिकायत पत्र सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष आशू शर्मा ने बताया कि, सनी गुप्ता उनके संगठन में सचिव है। जिनकी माताजी रजनी गुप्ता का इलाज न्यूटीमा हॉस्पिटल के चिकित्सक ऋषि सिंघल कर रहे थे। आरोप है कि, इलाज के दौरान न्यूटीमा हॉस्पिटल में कार्यरत चिकित्सक ऋषि सिंघल ने इलाज में लापरवाही बरती। जिसके चलते रजनी गुप्ता की मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि, इस मामले में उन्होंने बीती 24 जुलाई एक शिकायत पत्र डीएम कार्यालय पर सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद पीड़ित पक्ष से कहा गया था कि, जांच कमेटी बना दी गई। परन्तु उक्त प्रकरण में ऐसा व्यतीत होता है कि, आज लगभग 20 दिन उपरान्त भी जांच कमेटी द्वारा जो जांच जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जानी थी।
वह डॉक्टर ऋषि को फायदा पहुँचाने के लिए समय के दुरुपयोग में मिली भगत कर अपनी मर्जी की जा रही है। जिससे पीड़ित परिवार व हम समी व्यापारियों में बहुत अधिक पीड़ा है। वह न्याय न मिलने की पूरी उम्मीद लगभग दिख रही है। इसलिए हम सभी व्यापारियों एवं पीड़ित परिवार की ओर से यह मांग करता है कि, जांच को 24 घण्टे में निस्तारण कर जिलाधिकारी के समक्ष उपस्थित करें। नहीं तो पूरा व्यापारी समाज व पीड़ित परिवार सीएमओ कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे
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