Saturday, July 12, 2025
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Meerut News In Hindi: नगर निगम बोर्ड बैठक में भवन कर सहित सफाई, जलभराव आदि मुद्दों पर भी हुई चर्चा

- नगर निगम कार्यकारिणी की बोर्ड बैठक में भवन कर को लेकर चली आ रही स्थिति पर स्पष्ट निर्णय लिया गया। जिसमें छूट के प्रावधान को अब वार्षिक न करके तिमाही कर दिया गया है।

  • मेरठ नगर निगम बोर्ड बैठक।
  • पहले तिमाही में भवन कर देने पर ही मिलेगी पूरी छूट, बाद में होगी कम।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। नगर निगम कार्यकारिणी की बोर्ड बैठक में भवन कर को लेकर चली आ रही स्थिति पर स्पष्ट निर्णय लिया गया। जिसमें छूट के प्रावधान को अब वार्षिक न करके तिमाही कर दिया गया है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में हुई बैठक में भवन को लेकर तय हुआ कि भवनकर पर जो 20 प्रतिशत की छूट दी जाती रही है, वह अब वार्षिक न होकर तिमाही होगी। तय हुआ कि पहले तिमाह में भवन कर देने वाले को 20 प्रतिशत, दूसरे तिमाही में 15प्रतिशत, तीसरे तिमाही में दस प्रतिशत और चौथे तिमाही में भवन कर देने वाले को पांच प्रतिशत ही छूट दी जाएगी। ताकि समय पर निगम को राजस्व प्राप्त हो सके।

वहीं पार्षदों का कहना था कि शहर में गृहकर का मुद्दा ज्वलंत है। जब 40 हजार घरों के बिल जारी होने पर ही हजारों बिल में गड़बड़ी का मामला सामने आया है, तो तीन लाख 58 हजार बिल जारी होंगे तो क्या होगा। पार्षदों का कहना था कि निगम पुराने बिल जारी करे। केवल नए भवनों पर नया कर लगाया जाए। वह भी वर्तमान वित्तीय वर्ष के आधार पर होना चाहिए। एक अप्रैल 2024 से शहर के सभी भवनों का नया बिल जारी करने का कोई मतलब नहीं है।

इसके साथ ही सफाई व्यवस्था बेहतर करने, नालों की सफाई को दुरुस्त करने, बंदरों और कुत्तों के आतंक से शहरवासियों को छुटकारा दिलाने और कूड़ा निस्तारण पर भी चर्चा की गई। जिसके समाधान के लिए मेयर हरिकांत अहलूवालिया और नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। हालांकि, मेयर हरिकांत अहलूवालिया का कहना है कि शहर के मुद्दे पर कार्यकारिणी में विचार किया।

 

पहली बार मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने बिना किसी एजेंडे के कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। अब बारिश का मौसम है। ऐसे जब भी बारिश हो रही है तो जलभराव हो रहा है तो नगर निगम की सफाई और करोड़ो रुपये के नाला निर्माण का कोई मतलब नहीं है। इस पर विचार होगा। उधर, एआईएमआईएम और मुस्लिम लीग के पार्षद शिलापट का मामला उठाया। उनका कहना था कि, शहर के सभी शिलापट पर ऊर्जा राज्य मंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर का नाम दर्ज हो रहा है, जो गलत है।

 

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