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मेरठ: पहले चरण में जिले में 14 हजार से ज्यादा मिले संदिग्ध टीबी के मरीज

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  • पीएम मोदी ने देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने का रखा है लक्ष्य।
  • जिले में अभियान के पहले चरण में मिले 14237 संदिग्ध टीबी के मरीज।

शारदा न्यूज, मेरठ। जिले में टीबी के मरीजों की पहचान करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के पहले चरण में अभीतक 14237 मरीज सामने आ चुके है। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने यह जानकारी दी। साथ ही टीबी उन्मूलन को लेकर समीक्षा बैठक का भी आयोजन किया गया।

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने पूरे देश को 2025 तक टीबी उन्मूलित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसको लेकर पूरे देश के सभी राज्यों में टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। मेरठ में भी गुरूवार 23 नवंबर से 05 दिसंबर 2023 तक दस कार्यदिवसों में सक्रीय टीबी के मरीजों को खोजा जाएगा। साथ ही सक्रीय खोज अभियान को सफल बनाने के लिए जिला क्षय रोग अधिकारी व डब्लूएचओ मण्डलीय सलाहकार की अध्यक्षता में ट्रेनिंग व समीक्षा का आयोजन किया गया।

टीबी उन्मूलन अभियान दो चरणों में चल रहा है जिसमें पहला चरण 21 व 22 नवंबर और 05 व 06 दिसंबर को जनपद के अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसों, नवोदय विद्यालय व जिला कारागार में चलाया जाएगा। इन सभी जगहों पर कुल 211 क्षेत्र चिन्हित किये गए है जहां की जनसंख्या 31508 है। इस दौरान इन सभी लोगों की स्क्रीनिंग व टीबी सम्भावित होने की जानकारी की जाएगी।

दूसरा फेस 23 नवंबर से 05 दिसंबर तक 10 कार्यदिवसों में पूरा किया जाएगा। इस फेस में जनपद की 20 प्रतिशत शहरी व ग्रामीण आबादी, मलिन बस्तियों व हाई रिस्क जनसंख्या रहती है वहां (एचाआईवी व डायबिटीज) की मलिन बस्तियों में चलाया जाएगा। साथ ही चिन्हित समूहों व स्थल द्वारा जनपद के लल्लापुरा, मलियाना, साबुन गोदाम, मकबरा डिग्गी, पुलिस लाइन, शकूर नगर, तारापुरी, जयभीम नगर, जाकिर कॉलोनी, इस्लामाबाद, लखिपुरा, लावड़, रजपुरा, कसेरू बक्सर, रोहटा रोड व सरूरपुर आदि जगहों पर रहने वाली 8 लाख 40446 की आबादी में सक्रिय क्षय रोगियों की पहचान करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 266 टीमें बनाई है जो घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की खोज करेंगी। इन टीमों को सुपरविजन करने के लिए 48 प्रशिक्षित सुपरवाइजर की टीम कार्य करेंगी। इनकी मानिटिरिंग के लिए संबधित क्षेत्रों के चिकित्सा अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण किया जाएगा।

 

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