– वन विभाग द्वारा अवैध रूप से जमीन से कब्जा हटाने को लेकर था नाराज
– अलीपुर मोरना में तीन हेक्टेयर भूमि कराई कब्जा मुक्त
शारदा न्यूज रिपोर्टर
मेरठ। थाना क्षेत्र के गांव अलीपुर मोरना में वन विभाग की करीब तीन हेक्टेयर भूमि पर पिछले कई वर्षों से अवैध कब्जा था, जिस पर वन विभाग ने कार्यवाही करते हुए भूमि को अपने कब्जे में लिया। इस मामले से क्षुब्ध होकर जमीन पर काबिज किसान ने तहसील परिसर में एसडीएम कार्यालय के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया। उसे गंभीर हालत में मेरठ मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है।
अलीपुर मोरना गांव के समीप वन विभाग के कृष्ण वन ब्लॉक में करीब तीन हेक्टेयर भूमि पर पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों द्वारा अवैध कब्जा किया हुआ था। डीएफओ राजेश कुमार के निर्देशन पर बृहस्पतिवार को वन विभाग के सर्वेयर विजेंद्र सिंह, रेजर रविकांत व स्थानीय लेखपाल सचिन तोमर, रोहित शर्मा, राजस्व निरीक्षक अग्रसेन डिप्टी रेंजर मनोज कुमार सहित दर्जनों अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। जिन्होंने सरकारी भूमि पर वन विभाग का ट्रैक्टर चलाकर उसे कब्जा मुक्त कराया।
क्षेत्रीय वन अधिकारी रविकांत चौधरी ने बताया कि इस भूमि पर पिछले कई वर्षों से अवैध कब्जा था। जिसे अभियान के तहत ट्रैक्टर चलाकर अतिक्रमण मुक्त कराया गया है और वन विभाग में इस भूमि को अपने कब्जे में ले लिया है। उन्होंने बताया कि जहां पर भी वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण है उन्हें मुक्त कराया जा रहा है और यह अभियान लगातार चलता रहेगा। खादर क्षेत्र में गंगा किनारे करीब पांच सौ हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त और चिन्हित कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस भूमि पर वन विभाग द्वारा पौधारोपण किया जाएगा इसके लिए तैयारी चल रही हैं।
तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने उक्त भूमि को सरकारी बताया था। वहीं अलीपुर मोरना निवासी 55 वर्षीय जगबीर ने उक्त भूमि को अपना बताते हुए विरोध जताया था। जिस मामले में शुक्रवार को तहसील पर आत्मदाह का प्रयास किया। हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया है। जहां से गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेडिकल अस्पताल मेरठ में भर्ती कराया गया है। सीएचसी के चिकित्सक डा. अनिल शर्मा ने बताया की किसान 70% जल चुका है।
राज्यमंत्री दिनेश खटीक भी पहुंचे तहसील
घटना की सूचना मिलते ही राज्यमंत्री दिनेश खटीक भी तहसील पहुंचे और पूरा घटनाक्रम की जानकारी लेने के साथ सीएचसी पहुंचकर पीड़ित का हाल जाना। इसके बाद उन्होंने चिकित्सकों को तत्काल घायल किसान को मेरठ रेफर करने के निर्देश देने के साथ ही मेडिकल कालेज के प्राचार्य से किसान का बेहतर से बेहतर इलाज के निर्देश दिए। राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी, यदि तहसील या वन विभाग में से किसी की भी लापरवाही सामने आती है, तो निश्चित रूप से कार्रवाई कराई जाएगी।
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