शारदा रिपोर्टर मेरठ। विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर मेरठ उर्वरक बीज एवम कीटनाशक विक्रेता संघ के दर्जनों सदस्य शनिवार को कलक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बताया कि, पूरे उत्तर प्रदेश में शासन आदेश अनुसार कृषि विभाग द्वारा खाद, बीज एवं कीटनाशक व्यापारियों पर लगातार छापे डालकर उनके लाइसेंस निलम्बित और निरस्त करने सहित ईसीए की धारा 3/7 की कार्यवाही की जा रही है। जिससे पूरे प्रदेश के व्यापारियों में भय का माहीत उत्पन्न हो गया है और व्यापारी अपनी दुकानें बंद किये हुए हैं। जबकि इसमें उनका कोई दोष नहीं है।
व्यापारियों ने सरकार के यूरिया के रेट निर्धारित करने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि निर्माता कंपनियों से आने वाला माल भाड़े के साथ ज्यादा दर पर आता है। ऐसे में इतने कम रेट पर वह यूरिया नहीं दे सकते हैं। इसके लिए सरकार को निर्माता कंपनियों पर दबाव बनाना चाहिए, ताकि हमें कम रेट पर उपलब्ध हो और मुनाफा कमाते हुए हम सरकार द्वारा निर्धारित रेट पर यूरिया आदि बेच सकें।
व्यापारियों ने कहा कि यही स्थिति डीएपी, एनपीके आदि पर भी है। इस प्रसंग में नीति स्पष्ट की जाये। विभाग द्वारा कीटनाशक की गुणवत्ता पर सवाल उठाकर व्यापारी के खिलाफ लाइसेंस निलंबन और मुकदमे की कार्यवाही की जा रही है, जबकि उनकी सेल परमीशन लखनऊ से ही होती है और सभी के गोदाम भी वही पर है। क्या उनकी वहां बगैर जांच किये परमीशन दी जा रही है। कीटनाशक अधिनियम की धारा के तहत व्यापारियों को यह साबित करने के लिए समय दिया जाना चाहिए कि, उसने कंपनी के मूल उत्पादन में बिना छेड़छाड़ किए माल बेचा है तो, संपूर्ण जवाबदारी निमार्ता कंपनी की है विक्रेता की नहीं।
इसलिए एसोसियेशन की मांग है कि, हम सरकार और किसानों के साथ है। हमें फर्टिलाइजर निर्धारित रेट में दिलाया जाये।