- मुजफ्फरनगर के रहने वाले रिक्शाचालक के यहां तीन बेटियों के बाद पैदा हुआ बेटा।
- डाक्टरों के सामने बच्चे को बचाने की बड़ी चुनौती, सर्जरी के बाद ही साफ होगी स्थिति।
शारदा न्यूज, मेरठ। कुदरत के अजूबों के सामनें हर कोई नतमस्तक हो जाता है फिर चाले वह डाक्टर ही क्यों न हो। ऐसा ही मामला सामने आया जब एक परिवार में तीन बेटियों के बाद पैदा हुए बेटे की खुशी नदारद हो गई। बच्चे को जन्म के साथ ही दो की जगह चार पैर है। ऐसे में परिजनों ने उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में भर्ती कराया है जहां यह मामला डाक्टरों के लिए भी चुनौती बन गया है।
चार पैरों के साथ पैदा हुआ बच्चा बना चर्चा का विषय | Video || Sharda News
– रिक्शाचालक है पिता इरफान
मुजफ्फरनगर का रहने वाला इरफान रिक्शा चलाकर अपना परिवार पालता है। उसके घर में तीन बेटियां व पत्नी है। जबकि बीती 7 नवंबर को एक बेटा पैदा हुआ है। लेकिन इरफान के घर में बेटे के पैदा होने की खुशी के बदले गम ज्यादा नजर आ रहा है। इरफान के घर पैदा हुआ बच्चा दो के बदले चार पैर लेकर पैदा हुआ है। पिता ने अपने बच्चे की हालत देखकर जब सोचा कि वह आगे चलकर किस तरह सामान्य जिंदगी बिताएगा तो उसके सामने डाक्टरों के पास जाने के अलावा कोई चारा नहीं था। बच्चे को लेकर पिता मेरठ मेडिकल कॉलेज पहुंचा और यहां बालरोग विभाग के डाक्टरों को दिखाया। फिलहाल डाक्टर बच्चे की सर्जरी करने को लेकर मंथन कर रहें है जिससे वह आने वाले समय में सामान्य जिंदगी जी सके। लेकिन उससे पहले ही सर्जरी के दौरान बच्चे की जान बचाना बड़ी चुनौती है।
इस तरह का केस 60 हजार जुड़वा बच्चों के पैदा होने के दौरान एक बार सामने आता है। मेडिकल की भाषा में इसे कंजनाइटल डिफार्सिटि (जन्मजात विसंगति) कहा जाता है। फिलहाल बच्चे को पेड्रियाटिक विभाग की आइसीयू में रखा गया है। बच्चे के अतिरिक्त अंगों को सर्जरी के द्वारा निकाला जा सकता है लेकिन हमारे सर्जरी के दौरान बच्चे की जान को खतरा न हो यह बड़ी चुनौती है। डा. नवरतन गुप्ता, बाल रोग विभाग के हैड, मेडिकल कॉलेज, मेरठ।