- राजपूताना रोड पर खूब होगा सैर-सपाटा।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। गंगानगर में मवाना रोड से किला रोड तक 45 मीटर चौड़ी रिंग रोड दो महीने बाद बदले हुए रूप में दिखाई देगी। नाले किनारे बनी यह रिंग रोड अब शहर की शान बनने वाली है। यहां नाले के किनारे दीवार बनाकर पौधरोपण किया जा चुका है। विभिन्न तरह के फूल वाले पौधे रोपे जा चुके हैं। वहीं वर्टिकल गार्डन भी विकसित हो रहा है। कियोस्क बनाए जा चुके हैं। यहां पर लोग घूमते हुए चौपाटी के तर्ज पर चाट पकौड़ी के आनंद ले सकेंगे। तीन मीटर चौड़े साइकिल ट्रैक के साथ ही साइकिल स्टैंड भी रहेगा। वाटरफॉल का लुत्फ लेंगे। आकर्षक बनाने के लिए विभिन्न प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। केंद्र सरकार की ओर से मिले विशेष बजट के अंतर्गत करीब 17 करोड़ से इसका निर्माण कराया जा रहा है।
परिवार समेत लोग आएं इसलिए बच्चों के खेलने का स्थान, खाने-पीने की व्यवस्था, बेंच, ओपन जिम रहेगा। सीमेंट की रंगीन टाइल्स से फुटपाथ बनाया जा चुका है। विभिन्न स्थानों पर जेब्रा क्रॉसिंग होगी। मेरठ विकास प्राधिकरण इस पर पेडेस्ट्रियन फ्रेंडली पाथवे बना रहा है। ओपन थियेटर पर नृत्य का आनंद भी मिलेगा। यहां ओपन थियेटर की सीढ़ियां बनेंगी। प्रत्येक सीढ़ी के साथ रंगीन लाइट रहेगी। यह ऐसा स्थान होगा, जहां पर सांस्कृतिक रंगकर्मी अपनी कला का प्रदर्शन कर सकेंगे। काव्य व साहित्य मंच भी सजता रहेगा। प्रोजेक्टर पर भी फिल्म आदि दिखाने की व्यवस्था रहेगी।
मेडा उपाध्यक्ष संजय कुमार मीणा ने बताया कि गंगानगर योजना की मवाना रोड से किला परीक्षितगढ़ रोड तक 2.19 किमी लंबी 45 मीटर चौड़ी महायोजना मार्ग को निर्मित किया जा रहा है। गंगानगर व आसपास के आवंटियों के साथ ही जनसामान्य के लिए यातायात को सुगम बनाने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि इस रास्ते को पेडिस्ट्रेन फ्रेंडली बनाया जाएगा। इसका सौंदर्यीकरण, उच्चीकरण किया जाएगा।
निर्माण गुणवत्ता की खुली पोल
मेडा द्वारा तेजी के साथ इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा है। लेकिन नाले की पीछे बनाई गई दीवार और उसमें हुए मिट्टी भराव को लेकर निर्माण की गुणवत्ता पर पहली ही बारिश के बाद सवाल उठना शुरू हो गए हैं। परीक्षितगढ़ रोड़ से इस इनर रिंग रोड पर मुड़ने के साथ ही बांयी ओर पहले एक पार्किंग जैसा स्थल बनाया गया है, जिसमें इंटरलॉकिंग टाइल्स लगी हैं। लेकिन बारिश के बाद नाले के साथ बनाई गई दीवार की मिट्टी धंसने से इंटरलॉकिंग टाइल्स जहां धंस गई हैं, वहीं दीवार में भी गेप आ गया है। ऐसे में भविष्य में नाले के किनारे बनाई गई दीवार को लेकर सवाल उठ रहा है।