– 26 सितंबर को हुई थी बरेली में हिंसा, साजिश रचने का है आरोप।
बरेली। हिंसा के मास्टरमाइंड मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बरेली कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। तौकीर रजा के साथ पांच अन्य आरोपियों की जमानत अर्जी भी नामंजूर की गई है। अपर सत्र न्यायाधीश अमृता शुक्ला ने शुक्रवार को इस पर फैसला सुनाया। दरगाह आला हजरत परिवार के सदस्य और आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद के बाद 26 सितंबर को धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया था। जबकि उस समय जिले में इठर की धारा 163 लागू थी। प्रशासन ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन इसके बावजूद तौकीर रजा ने वीडियो जारी कर पुलिस और सरकार को चुनौती दी थी कि धरना हर हाल में होगा। उन्होंने कहा था कि अगर हमारे लोगों को रोका गया तो जिम्मेदार पुलिस प्रशासन होगा।
26 सितंबर को जुमा की नमाज के बाद शहर में कई जगहों पर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने पुलिसकर्मियों से धक्कामुक्की शुरू कर दी और इस्लामिया ग्राउंड की ओर कूच करने की कोशिश की। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो भीड़ ने पथराव कर दिया। पुलिस के अनुसार, भीड़ में शामिल लोगों ने पेट्रोल बम और फायरिंग की। वाहनों में तोड़फोड़ की गई और पुलिस का वायरलेस व गन भी लूट लिया गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा।
तौकीर समेत छह की जमानत खारिज, कोर्ट ने सुनाया आदेश
शहर में हुए बवाल, पथराव, फायरिंग और एसिड अटैक के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपी आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा समेत छह आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इनमें गुलाबनगर चौधरी तालाब निवासी फैजान सकलैनी, पंजाबपुरा राजो वाली गली निवासी ताकीम, बिहारीपुर मेमरान निवासी मुनीर इदरीशी, बिहार के पूर्णिया जिले के खता टोला निवासी हरमैन रजा और कुंडाले असजा मावईया निवासी नेमतुल्ला शामिल हैं।
अब तक दर्ज हुए 12 मुकदमे, 10 में पुलिस वादी
बवाल के बाद पुलिस की ओर से पांच थानों में 10 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें पांच कोतवाली, दो बारादरी और एक-एक किला, प्रेमनगर व कैंट थाने में हैं। इसके अलावा एक मुकदमा एक पत्रकार ने दर्ज कराया था, जिसकी आंख कवरेज के दौरान पत्थर लगने से घायल हो गई थी।
खलिल तिराहे से शुरू होकर शहरभर में फैला बवाल
26 सितंबर को खलिल तिराहे पर नमाज के बाद भीड़ ने नारेबाजी की और ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे लगाए। पुलिस से धक्का-मुक्की के बाद पथराव और पेट्रोल बम से हमला हुआ। इसके बाद नौमहला मस्जिद, कोतवाली, एसपी सिटी आॅफिस, नावेल्टी चौराहा, आजमनगर और श्यामगंज इलाकों में भी हिंसा फैल गई।
चार्जशीट की तैयारी शुरू, रिहाई अभी मुश्किल
तौकीर रजा पर दंगा भड़काने, उकसाने, वीडियो वायरल कर प्रशासन को धमकाने और हत्या की साजिश जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। उनके वकील सुनील सक्सेना के मुताबिक, जिन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं, उनमें छह महीने के भीतर जमानत मिलना कठिन है। अगर ठरअ की कार्रवाई लागू हुई तो कम से कम एक साल तक रिहाई संभव नहीं होगी।



