कागजी शेर साबित हुई रोहित की टीम

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  • गैंदबाजी और बैटिंग में हुए फ्लॉप ।

मौके की नजाकत


Editor Gyan Prakash
ज्ञान प्रकाश, समूह संपादक  |

जिस बात का डर था वही हुआ। साउथ अफ्रीका के सेंचुरियन पार्क में टीम इंडिया के खिलाड़ी कागजी शेर साबित हुए। किसी ने भी उम्मीद नही की होगी टीम इंडिया बिना संघर्ष किए आसानी से सरेंडर कर देगी।

साउथ अफ्रीका ने भारत को एक पारी और 32 रन से अपमानजनक तरीके से पराजित किया। हैरानी की बात ये है कि जिस पिच पर साउथ अफ्रीका की टीम पहली पारी में 408 रन बनाने में सफल हुई वहीं टीम इंडिया पहली पारी में 245 और दूसरी पारी में 131रन ही बना सकी।

इस मैच में रोहित शर्मा की कप्तानी पूरी तरह से फ्लॉप रही। खुद कप्तान का बल्ला भी उनसे रूठा रहा और दोनो पारियों में सिर्फ 5 रन ही बना सके। दूसरी पारी में अगर विराट कोहली के 76 और शुभमन गिल के 26 रन हटा दिए जाए तो टीम के छह खिलाड़ी दहाई की संख्या तक नही पहुंच पाए। पहली पारी में के एल राहुल के शतक, कोहली के 38 और श्रेयस अय्यर के 31 और शार्दुल ठाकुर के 24 रन ना होते तो टीम की हालत और बदतर होती।

साउथ अफ्रीकी शेरो ने दोनो पारियों में तूफानी गैंदबाजी कर टीम इंडिया के खिलाड़ियों को एक एक रन के लिए तरसा दिया। पहली पारी में कागिसो रबादा ने पांच और दूसरी पारी में दो विकेट लेकर आतंक मचाया। अफ्रीकी बर्गर ने मैच में सात विकेट लिए। हैरानी की बात ये है कि मार्को यानसेन ने जहां 86 रन बनाए वहीं पांच विकेट भी लिए। पूरे मैच में टीम इंडिया कही भी मुकाबले में नही दिखी। बल्लेबाज जहां तकनीकी रूप से तेज पिच पर कमजोर दिखे वहीं शार्दुल ठाकुर और प्रसिद्धि कृष्णा की जमकर धुनाई हुई। सिर्फ जसप्रीत बुमराह ने चार विकेट लेकर प्रभावित किया बाकी टीम इंडिया पूरे मैच में बैकफुट पर रही। टीम इंडिया को सबसे बड़ी कमी मुहम्मद शमी की खली। इस पिच पर स्विंग ने टीम इंडिया को हिला कर रख दिया। वही प्रसिद्धि कृष्णा को जगह मुकेश कुमार को खिलाया जाना चाहिए था। ओपनर यशश्वी जायसवाल ने भी प्रभावित नही किया। साउथ अफ्रीकी खौफ ने टीम इंडिया को पुराने रिवार्ड्स के हिसाब से डरा कर रखने में सफलता हासिल की और टीम इंडिया के खाते में अफ्रीका में एक और शर्मनाक हार जुड़ है।

भारत इस मुकाबले में हार गया। इस बिंदु पर भारतीय ड्रेसिंग रूम कैसा महसूस कर रहा होगा। गेंदबाज बल्लेबाजों पर उंगलियां उठा रहे होंगे और बल्लेबाज पूछेंगे कि एल्गर और जानसन को इतनी स्वतंत्र रूप से रन बनाने की अनुमति क्यों दी गई? लेकिन सच तो यह है कि भारतीयों को परिस्थितियों के प्रति बेहतर तालमेल और तत्परता वाली टीम ने मात दे दी।

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