– मेरठ के बाद शाहपुर में उमड़ी भीड़ ने दिए संकेत
– जयंत चौधरी का दिख रहा आक्रामक रुख
ज्ञान प्रकाश, संपादक
मेरठ। भारतीय जनता पार्टी और रालोद के बीच हुए गठबंधन ने विपक्षियों की नींद उड़ा दी है। मेरठ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाहपुर में अमित शाह की रैली ने दर्शा दिया है कि रालोद का साथ इतिहास बनाएगा।
इंडिया गठबंधन में जयंत चौधरी के शामिल न होने और भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने से राजनीतिक समीकरण बदल गए है।
इंडिया गठबंधन बनने के बाद वेस्ट यूपी में भाजपा खुद को मुसीबत में पा रही थी लेकिन चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देते ही सारे समीकरण बदल गए। शाहपुर में भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान के समर्थन में हुई रैली में जयंत चौधरी के तेवर साफ दर्शा रहे थे कि वो समाजवादी पार्टी को चैन से नहीं जीने देंगे। आज उन्होंने कहा भी कि उन्होंने अखिलेश यादव को पटखनी दी है। दरअसल संगीत सोम और संजीव बालियान के बीच चल रहे शीत युद्ध के बावजूद शाहपुर में लोगो के उत्साह ने संजीव बालियान को संजीवनी दे दी है। इस क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय जो संजीव बालियान को अपना मानता है उसने भी अहसास दिलाया है। मेरठ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जयंत चौधरी के बीच बड़े भाई और छोटे भाई के रिश्ते की मजबूती चार जून को दिख जायेगी लेकिन मेरठ, बिजनौर, बागपत और कैराना में चुनाव दिलचस्प हो गया है।
वेस्ट यूपी की राजनीति में दखल रखने वालों का कहना है भाजपा और रालोद का साथ हमेशा फायदेमंद रहा है। भाजपा को सबसे ज्यादा चिंता जाट वोट बैंक को लेकर रहती है जो इस बार दूर होती दिख रही है। बागपत से डॉक्टर राज कुमार सांगवान, बिजनौर से चंदन चौहान, मुजफ्फर नगर से संजीव बालियान के अलावा मेरठ से अरुण गोविल की राह आसान हो सकती है।