मौके की नजाकत
सपना टूटता है तो दुख होना स्वाभाविक है। टीम इंडिया को जिस तरह से दक्षिण अफ्रीका ने एक पारी से हराया,उसने जहां पूरी टीम को हिला कर रख दिया वहीं वर्ल्ड चैंपियनशिप की अंकतालिका में नीचे पटक दिया है। एक तो अपमानजनक हार और कम ओवर फैंकने के कारण दो अंकों की कटौती। इससे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि मैच के बाद समारोह में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने के एल राहुल की पहली पारी की खुलकर तारीफ की लेकिन दोनों पारियों में अच्छा खेलने वाले विराट कोहली के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला। ऐसा माना जा रहा है कि टीम इंडिया में इस वक्त कुछ सही नहीं चल रहा है। रोहित शर्मा ने के एल राहुल की पहली पारी की तारीफ की लेकिन दूसरी पारी के बारे में कुछ नहीं कहा। जबकि खुद कप्तान रोहित शर्मा भी दोनों पारियों में रन बनाने में कामयाब नहीं हो पाए। दरअसल कप्तान ने हार का पूरा ठीकरा गेंदबाजों के मत्थे मढ़ दिया जो काफी हद तक सही भी कहा जाएगा। जसप्रीत बुमराह को छोड़कर गेंदबाज कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए। गेंदबाजी का स्तर किस हद तक गिरा हुआ था कि मार्को यानसेन जैसे गेंदबाज भी मनचाहे शॉट लगाकर 86 रन बनाने में कामयाब हो गए थे। यही नहीं निचले स्तर के बल्लेबाजों ने खूब चौके लगाए। पूरी पारी में डीन एल्गर को जिस तरह से खुलकर खेलने की अनुमति दी गई वो हैरान करने वाली थी।
इस तरह से भारत का साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने का सपना और लंबा हो जाएगा। अब वह इस सीरीज को अधिकतम ड्रॉ ही करा सकते हैं। साउथ अफ्रÞीका ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों विभागों में बेहतरीन प्रदर्शन किया और भारत को पछाड़ा। डीन एल्गर ने शानदार शतक लगाया, डेब्यू कर रहे डेविड बेडिंघम ने रन बनाया, रबाडा ने पांच विकेट लिए और दूसरी पारी के दौरान बाएं हाथ के युवा तेज गेंदबाजों नांद्रे बर्गर और मार्को यानसन ने भारतीय बल्लेबाजो़ं को राउंड द विकेट से बांधे रखा। भारत के लिए एकमात्र अच्छी बात केएल राहुल का शतक रहा, वहीं कोहली ने दूसरी पारी में एक बढ़िया इनिंग खेली। हालांकि ये दोनों ही नाकाफी साबित हुआ।साउथ अफ्रीका ने इससे पहले भारत को 2010 में पारी के अंतर से हराया था। वह मैच भी सेंचुरियन में हुआ था।