मथुरा। यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। नदी का पानी धीरे-धीरे निचले इलाकों की ओर बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र जयसिंहपुरा खादर है, जहां पानी घरों के भीतर घुस चुका है। लोग छतों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बीते दो दिनों से यमुना का पानी तेजी से बढ़ा है, जिसके चलते कई घरों के आंगन और कमरों में पानी भर गया है। जिनके पास सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने का साधन है, वे परिवार सहित गांव छोड़कर अन्य जगहों की ओर जा रहे हैं। वहीं, गरीब और मजबूर परिवार घरों की छतों पर रहकर किसी तरह अपने जीवन यापन की जुगाड़ कर रहे हैं।
पानी भरने से लोगों का दैनिक जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पीने के पानी से लेकर राशन और दवाइयों तक की समस्या खड़ी हो गई है। कई लोगों के मवेशी भी पानी में फंसे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर और बढ़ा तो हालात और ज्यादा खराब हो जाएंगे।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाते हुए प्रभावित क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति बंद कर दी है, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। हालांकि बिजली कटने से लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। रात के समय अंधेरे में रहना ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।
जिला प्रशासन का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है और जरुरतमंदरों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की व्यवस्था की जा रही है। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जैसे-जैसे जलस्तर में कमी आएगी, सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास तेज कर दिए जाएंगे।
ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि उन्हें शीघ्र राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए और सुरक्षित ठिकानों पर ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था हो।



