लखनऊ। केसरी खेड़ा में देर रात भीषण आग लग गई। 65 से अधिक झुग्गी-झोपड़ी धधकने लगीं। 2 किमी दूर से लपटें दिखाई दे रही थीं। सिलेंडर और बाइकों के पेट्रोल टैंक फटने से धमाकों से इलाका दहल उठा। आग की लपटें और चीख पुकार सुनकर लोगों अपने घरों से बाहर निकल आए।।
लोगों ने पहले पानी डालकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। आग बेकाबू होते देख दमकल को सूचना दी। सरोजनी नगर सीएफओ दो दमकल के साथ मौके पर पहुंचे। आग को देखते हुए शहर के सभी दमकल स्टेशन से गाड़ियां बुलाई गईं। 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद भी दमकल कर्मी आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पा सके हैं।
हादसा मंगलवार रात पौने तीन बजे बिजली के पोल में शॉर्ट सर्किट से हुआ। देखते ही देखते पूरी बस्ती में खाक हो गई। रऋड मंगेश कुमार 12 से अधिक दमकल गाड़ियों के साथ मौके पर डटे हुए हैं।
लापरवाही से हादसा
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही से हादसा हुआ है। तीन दिन पहले भी शार्ट सर्किट से आग लगी थी, लेकिन समय रहते बुझा ली गई थी। सरोजनीनगर एफएसओ के मुताबिक आग अभी पूरी तरह बुझी नहीं है। पानी की बौछार की जा रही है। आग से 65 से ज्यादा झोपड़ी जली हैं और 200 लोग प्रभावित हुए हैं।
सुलग रही झोपड़ियां
एसएफओ मंगेश कुमार ने बताया- करीब 6 घंटे के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका। झुग्गी-झोपड़ियां में सुलग रही आग को पूरी तरह बुझा लिया गया है। उन्होंने बताया कि आग कनौसी रेलवे फाटक के पास रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी रामबाबू की जमीन पर बनी झुग्गी-झोप(ड़ियों में लगी थी। एसएफओ ने बताया- रेलवे ट्रैक से सटती जमीन पर ठेकेदार संजीव गुप्ता (8), अंशु बजाज (15) सुभाष (10) खुशी राम साहू (13) हातिम अली (15) हसमत अली (12) और जलील खान (14) ने झोपडिय़ां किराए पर ले रखी थीं। इनमें असमिया मजदूरों को रखकर कूड़ा बिनवाने का काम करते थे।