Home Meerut शारदा एक्सपोर्ट जांच की जद में आएंगे अभी और कई नामचीन

शारदा एक्सपोर्ट जांच की जद में आएंगे अभी और कई नामचीन

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  • दो आईएएस, तीन पीसीएस अधिकारियों के साथ ही कुछ सत्ता पक्ष के नेताओं के नाम भी चर्चा में।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। लोटस-300 प्रोजेक्ट में निवेशकों के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में चल रही ईडी की जांच में अब कई नामचीन लोग भी घिरते नजर आ रहे हैं। बुधवार को जहां पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह के यहां ईडी ने रेड मारते हुए काफी बेनामी संपत्ति बरामद की। वहीं अब जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। सूत्रों की मानें तो इस जांच की जद में अभी वर्तमान में कार्यरत यूपी के दो आईएएस और तीन पीसीएस के साथ ही भाजपा के कुछ नेता और मेरठ के बिल्डर भी आ सकते हैं। क्योंकि इनका शारदा एक्सपोर्ट ग्रुप से काफी करीबी का नाता रहा है।

ईडी के छापे के दौरान मेरठ में शारदा एक्सपोर्ट के मालिक जितेंद्र गुप्ता के बेटे हैसिंडा प्रोजेक्ट प्रा. लि. के साझीदारों में शामिल आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के ठिकानों से पांच करोड़ के हीरे बरामद हुए हैं। इसके साथ ही इस मामले की जांच के दौरान ही सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी व नोएडा अथॉरिटी के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सात करोड़ रुपये के हीरे बरामद किए गए हैं।

ईडी ने नोएडा की रीयल एस्टेट कंपनी हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़, मेरठ और गोवा स्थित ठिकानों पर मंगलवार को छापा मारा था, जिसमें मोहिंदर सिंह का आवास भी शामिल था। छापों में करीब एक करोड़ रुपये नकदी, 12 करोड़ रुपये के हीरे, सात करोड़ रुपये कीमत के सोने के जेवरात और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक इस प्रकरण में ईडी नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका की जांच भी कर रही है। इसके तहत मोहिंदर सिंह के आवास को खंगाला गया है। उनको बसपा सरकार के खास अफसरों में शुमार किया जाता था। बता दें कि मोहिंदर सिंह का नाम बसपा सरकार में नोएडा और लखनऊ में महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों व पार्कों के निर्माण में 14 अरब रुपये के घोटाले में भी सामने आ चुका है। विजिलेंस ने उनसे पूछताछ के लिए नोटिस भी जारी किया था लेकिन आस्ट्रेलिया में होने की वजह से वह पेश नहीं हुए थे। उन्हें नवंबर 2011 में नोएडा अथॉरिटी का मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाया गया था। इस मामले में बसपा सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी जांच के दायरे में आए थे।

अभी कई नाम और आने की है चर्चा

सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण में शुरू हुई जांच लंबी चल सकती है। क्योंकि जांच शुरू होने के साथ ही इस पूरे मामले में एक के बाद एक परत खुलती जा रही हैं। आदित्य और आशीष के संपर्क में आए और उनसे लेन-देन करने वाले भी जांच के दायरे में हैं। जिनमें प्रदेश के दो आईएएस और तीन पीसीएस के साथ ही भाजपा के कुछ नेताओं के साथ मेरठ के बिल्डर भी हैं। क्योंकि जांच में ऐसे नाम भी सामने आए हैं, जिनका जितेंद्र गुप्ता से मोटा लेन-देन हुआ है। ऐसे में अब इनके करीबियों में हड़कंप मचा हुआ है।

 

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