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Thursday, November 13, 2025
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गुजरात गंभीरा पुल हादसे में बड़ा अपडेट; महिसागर नदी पर बना ब्रिज गिरने से अब तक 9 लोगों की मौत

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  • गुजरात में बड़ा हादसा हो गया हैं, महिसागर नदी पर बना ब्रिज ढह गया।
  • कई वाहन गिरे, करीब 9 लोगों की मौत।

वडोदरा, गुजरात: गंभीरा पुल के ढहने से महिसागर नदी में गिरे एक ट्रक को बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं। ताज़ा मृतकों की संख्या के अनुसार, अब तक 9 शव बरामद किए जा चुके हैं और लगभग 9 घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

 

गुजरात में महिसागर नदी पर बना गंभीरा पुल ढह गया, जिसमें 5 वाहन गिर गए और 9 की मौत हो गई हैं। हादसे के बाद 212 करोड़ के नए पुल को मंजूरी दी गई है। गुजरात में महिसागर नदी पर बना ब्रिज ढह गया है। पुल के ढहने से अब तक 5 वाहन उसमें गिर चुके हैं 9 लोगों की मौत हो गई है और कुछ लोगों को बचा लिया गया है। यह पुल 1985 में बना था। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तकनीकी विशेषज्ञों को घटनास्थल पर भेजकर जांच सौंप दी है।

 

 

पुल के ढहने की घटना पर सड़क एवं भवन विभाग के सचिव पीआर पटेलिया ने कहा, “हमें गंभीरा पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विशेषज्ञों की एक टीम घटनास्थल पर भेज दी गई है.”

 

 

चेतावनी के बाद भी पुल पर आवाजाही बंद नहीं हुई

इस पुल के गिरने से जो 5 वाहन नदी में गिरे हैं, उनमें से दो ट्रक पूरी तरह से नदी में समा गए, जबकि एक टैंकर आधा लटका रह गया। पुल के गिरते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई और बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया। बता दें कि यह पुल 1981 में बनकर 1985 में खोला गया था, लेकिन समय के साथ इसकी हालत बेहद जर्जर हो चुकी थी। स्थानीय विधायक चैतन्य सिंह झाला ने पहले ही इस पुल के लिए चेतावनी दी थी और नए पुल की मांग की थी। बावजूद इसके, पुल पर वाहनों की आवाजाही बंद नहीं की गई. अब सरकार ने 212 करोड़ रुपये की लागत से नए पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी है और इसके लिए सर्वेक्षण भी कराया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों की टीम को दिए जांच का आदेश

घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को घटनास्थल पर भेजकर जांच का आदेश दिया है। हादसे के तुरंत बाद अधिकारी सक्रिय हुए और नदी में गिरे वाहनों को हटाने का कार्य शुरू किया गया. साथ ही तैराकों ने शवों को बाहर निकालना शुरू किया। यह घटना एक बार फिर पुरानी व कमजोर अधोसंरचनाओं पर सवाल खड़े करती है। अगर समय रहते वाहनों की आवाजाही रोकी जाती और नए पुल का निर्माण शुरू होता, तो शायद यह त्रासदी टाली जा सकती थी. अब देखना होगा कि जांच रिपोर्ट में क्या सामने आता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।

 

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