Home Meerut कभी भी अंग्रेजों के सामने नहीं झुकी महेंद्र कुमारी

कभी भी अंग्रेजों के सामने नहीं झुकी महेंद्र कुमारी

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  • जिले की अंतिम स्वाधीनता सेनानी का हुआ निधन

शारदा रिपोर्टर मेरठ। जिले की अंतिम स्वाधीनता सेनानी महेंद्र कुमारी चौहान (90 वर्ष ) का बीती रात बीमारी के चलते बरेली में निधन हो गया। सुबह उनका पार्थिव शरीर उनके मेरठ स्थित आवास पर लाया गया। जहां राजकीय सम्मान के साथ सूरजकुंड स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।

 

 

 

महेंद्र कुमारी चौहान का जन्म इटावा में हुआ था। वह बचपन से ही क्रांतिकारी विचारों की थी। उनके पति मधेंद्र पाल सिंह चौहान भी क्रांतिकारी थे और आजाद हिंद फौज में थे। महेंद्र कुमारी चौहान ने स्वाधीनता आंदोलन में अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया।

महेंद्र कुमारी चौहान जब कक्षा आठ में थी, तो वह अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय थी। जिसके चलते अंग्रेजों ने खूब यातनाएं दी और गिरफ्तार भी कर लिया। लेकिन कम आयु होने के कारण उन्हें जेल नहीं भेजा। लेकिन इसके बाद उनकी पढ़ाई छूट गई। महेंद्र कुमारी उस समय अंग्रेजों को देखकर एक गाना गाती थी ‘ ओ जा फिरंगी जा, मेरे देश को छोड़कर जा’.. इस गीत को सुनकर कई बार अंग्रेजों से उन्हें यातनाएं भी दी।

 

महेंद्र कुमारी के पति के देहांत वर्ष 2000 में हो गया था। लेकिन 2021 में उनकी एक पुत्री के निधन के बाद से वह बहुत परेशान रहने लगी थी। महेंद्र कुमारी चौहान को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सम्मानित किया था। वह कई संस्थाओं से भी जुड़ी हुई थी। वह अपने पीछे तीन पुत्रियों सहित भरापूरा परिवार छोड़कर गई हैं।

 

महेंद्र कुमारी की अंतिम यात्रा में शहर के गणमान्य व्यक्तियों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी और स्वाधीनता संग्राम सेनानी परिषद के सदस्य मौजूद रहे।

 

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