बंगाली महिलाओं ने पारंपरिक अंदाज में डांडिया प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया
शारदा रिपोर्टर मेरठ। बंगाली दुगार्बाड़ी समिति, मेरठ में महासप्तमी के पावन अवसर पर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना भक्ति और उल्लास के साथ सम्पन्न हुई। प्रात:काल मां का पारंपरिक स्नान, पूजा एवं अर्चन के उपरांत समिति परिसर में धार्मिक माहौल छा गया। समिति के प्रधान सचिव अभय मुखर्जी ने बताया कि श्रद्धालुओं ने मां को पुष्पांजलि अर्पित की तथा दोपहर में भोग एवं प्रसाद वितरण का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने बड़े हर्षोल्लास और भक्ति भाव से प्रसाद ग्रहण किया।
अपराह्न काल में सार्वजनिक भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने प्रसाद एवं भंडारे का लाभ उठाया। सायंकाल 7:30 बजे पारंपरिक संध्या आरती ढोल-नगाड़ों और शंखध्वनि के बीच सम्पन्न हुई। आरती के समय माता रानी के दर्शन करने और भक्ति भाव से आरती में सम्मिलित होने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। आरती के पश्चात पूरा परिसर जय माता दी के जयकारों से गूंज उठा।
संध्या कार्यक्रम के अंतर्गत समिति की शाखा फ्रेंड्स यूनियन ड्रामेटिक क्लब द्वारा वैरायटी कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। बच्चों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने सभी का मन जीत लिया। रिदम, वैष्णवी, दृष्टि, परी, कुमारी आदित्री समेत कई प्रतिभाशाली बाल कलाकारों ने अपने नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन किया।
विशेष आकर्षण रहा डांडिया नृत्य, जिसमें बंगाली महिलाओं ने पारंपरिक अंदाज में डांडिया प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। परी चौधरी के निर्देशन और कोरियोग्राफी में अल्पना चक्रवर्ती, तुलिका मुखर्जी, प्रीति राय, मल्लिका दत्त, रीता नाग, पपिया सान्याल समेत अनेक महिलाओं ने रंगारंग नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया।
पूरे आयोजन में समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों का विशेष योगदान रहा। इनमें डा. सुब्रोतो सेन (अध्यक्ष), प्रधान सचिव अभय मुखर्जी, पूजा सचिव नोबेंदु राय चौधरी, अजय मुखर्जी, अमिताभ मुखर्जी, गौतम मुखर्जी, प्रदीप मुखर्जी, उज्ज्वल, प्रियंक चैटर्जी, सत्यजीत मुखर्जी, नोवीन बैनर्जी, अनुभव मुखर्जी, बिपलब दास, बिजन दास, चयनिका दास सहित अनेक सदस्यों ने पूरे दिन कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
समिति परिवार ने बताया कि मां दुर्गा की कृपा से प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी सप्तमी का आयोजन भव्य और सफल रहा। श्रद्धालुओं के सहयोग और समिति सदस्यों की मेहनत से पूरा माहौल भक्ति, उल्लास और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर हो उठा।