Home News Analysis लोकसभा चुनाव: भाजपा के सामने लगातार टूट रहा इंडिया गठबंधन

लोकसभा चुनाव: भाजपा के सामने लगातार टूट रहा इंडिया गठबंधन

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लोकसभा चुनाव: भाजपा के सामने लगातार टूट रहा इंडिया गठबंधन

– सीटों के बंटवारे पर बड़े दिल हुए छोटे, मच रही भगदड़
– चुनाव से पहले ही भाजपा के सामने कमजोर पड़ता जा रहा है विपक्ष


अनुज मित्तल

मेरठ। विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन बनाकर नारा दिया था कि जीतेगा इंडिया। विपक्षी दलों ने भाजपा के चार सौ सीट जीतने के दावे पर कहा था कि इन सीटों पर भाजपा के खिलाफ एक उम्मीदवार उतारेंगे, ताकि भाजपा को हराया जा सके। इसके लिए सभी ने सीटों के बंटवारे पर बड़ा दिल दिखाने का भी दावा किया था। लेकिन सीटों के बंटवारे पर ही इंडिया गठबंधन का कुनबा बिखरता जा रहा है।

इस गठबंधन की नींव रखने वाले नीतीश कुमार ही सबसे पहले पलटी मार कर वापस एनडीए के पाले में चले गये। अब रालोद भी भाजपा के साथ हो गया है। सपा और आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार घोषित करने शुरू कर दिए हैं। जम्मू-कश्मीर की प्रमुख पार्टी नेशनल कांफ्रेंस ने भी ऐलान कर दिया है कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव बिना किसी गठबंधन के अपने बलबूते लड़ेगी। पश्चिमी बंगाल में दीदी अपनी खिचड़ी अलग पका रही हैं।

विपक्ष का यह गठबंधन यूं ही नहीं टूटा है, बल्कि भाजपा को हराने से ज्यादा कई दलों के नेताओं की महत्वाकांक्षा अपना वर्चस्व कायम करने की थी। यूपी में समाजवादी पार्टी ने गठबंधन में दरार डालने का सबसे बड़ा काम किया है। हालांकि राजस्थान और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव से ही गठबंधन में खटास आना शुरू हो गई थी। लेकिन यूपी में सपा ने बड़ा दिल न दिखाते हुए एक तरह से दूसरे दलों को उनकी औकात दिखानी शुरू कर दी। जिसका नतीजा ये हुआ कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सबसे प्रभारी राष्ट्रीय लोकदल उसके हाथ से निकल गया।

वर्तमान में जो स्थिति चल रही है, उसे देखते हुए लगता है कि जल्दी ही कांग्रेस भी सपा से पीछा छुड़ाकर यूपी में अकेले दम पर ही चुनाव मैदान में आ सकती है। क्योंकि जिस तरह पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सामंजस्य नहीं बन रहा है। ऐसा ही यूपी में भी हो रहा है।

जिस तरह विपक्षी गठबंधन में भगदड़ मच रही है, उससे लग रहा है जैसे भाजपा चुनाव से पहले ही विपक्षी दलों को साइड लाइन कर देगी। क्योंकि भाजपा के एनडीए में जो भी दल जुड़े थे, अभी तक वह न केवल टिके हुए हैं, बल्कि एनडीए का कुनबा भी लगातार बढ़ रहा है।

सपा और कांग्रेस में भी हो रही टूट

गठबंधन तो दूर खुद सपा और कांग्रेस भी कमजोर होती नजर आ रही हैं। क्योंकि सपा से स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी पद से त्यागपत्र देने को कई मायनों में देखा जा रहा है। उनके साथ अब लगातार इस्तीफा देने वालों की लाइन लग रही है। हाल ही में कांग्रेस के भी कुछ बड़े नेता पार्टी को अलविदा कर चुके हैं।

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