नई दिल्ली, (भाषा) | ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’ की असरदार टैगलाइन के साथ देश के लाखों लोगों को बीमा की सेवाएं देने वाले भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना आजादी के नौ साल बाद एक सितंबर के दिन ही की गई थी।
दरअसल बता दें यह दिन एक और कारण से भी इतिहास में दर्ज है। आज भले शब्दकोश के नाम पर ढेरो ऑनलाइन सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन एक समय पढ़ने लिखने वाले लोगों के लिए शब्दकोश या डिक्शनरी के नाम पर मोटी मोटी किताबें हुआ करती थीं और शब्दकोश तैयार करना अपने आप में बहुत मुश्किल काम माना जाता था। भारत में शब्दकोश का जिक्र आते ही फादर कामिल बुल्के का नाम ज़हन में आता है। बुल्के का जन्म भी एक सितंबर को ही हुआ था।
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