- मौसम विभाग के अनुसार आगे भी जारी रहेगा सर्दी का सितम।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। जनपद में लगातार दो दिन से धूप निकलने से लोगों को ठंड से कुछ राहत मिली है। हालांकि रात में ठंड का अहसास बरकरार है। लेकिन बुधवार सुबह से ही आसमान में घना कोहरा छाया रहा। जबकि, विजिबिलिटी ना के बराबर रही। वहीं, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि, अगले कुछ दिनों में मौसम में फिर से बदलाव आएगा।
जनवरी महीने में लगातार दिन में शीत लहर चलने से लोग कांप रहे थे। दो दिन से मौसम में बदलाव के चलते दिन में लोगों को ठंड से राहत मिली है। वहीं, तापमान में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन बुधवार सुबह एक बार फिर घने कोहरे के चलते विजिबिलिटी ना के बराबर रही। जिसके चलते लोगों को अपने वाहनों की लाइटें जलानी पड़ी। वहीं, सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही ने बताया कि मंगलवार को मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री और रात का न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री रिकार्ड किया गया।
बुधवार सुबह को कोहरा और रात में पाला पड़ने के कारण ठंड अभी ओर बढ़ेगी। वहीं, पिछले दो दिनों प्रदूषण के स्तर में कुछ बढ़ोतरी हुई है। मेरठ में मंगलवार को एक्यूआई 138 दर्ज किया गया। पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ और आद्रता का स्तर सौ फीसदी तक पहुंचने से मेरठ बेहद घने कोहरे की चादर में लिपट गया है। मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक मेरठ सहित वेस्ट यूपी के अधिकांश शहरों में घने कोहरे से दृश्यता शून्य तक पहुंच गई। दिनभर धूप नहीं निकलने से मेरठ में दिन का तापमान 12.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ जो प्रदेश में सबसे कम है।
मेरठ में अधिकतम तापमान सामान्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज हुआ, जो अत्यधिक सर्द दिन की स्थिति है। वेस्ट यूपी में 18 जनवरी तक घने कोहरे, कड़ाके की सर्दी, बादल और बारिश से राहत की उम्मीद नहीं है। हालांकि, आने वाले दिनों में धूप जरूर निकल सकती है।
कंपकंपाती ठंड में भी स्कूल पहुंचे बच्चे
सोमवार और मंगलवार को भले ही धूप निकली हो और लोगों ने इसके बाद राहत की सांस ली हो। लेकिन, बुधवार को अचानक बदले मौसम ने एक बार फिर हाड़ कंपकंपाने वाली सर्दी में भी स्कूल जाने के लिए मजबूर कर दिया। हालांकि, लगातार पड़ती ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी दीपक मीणा ने आठवीं तक के सभी स्कूलों को बंद कर दिया था। जबकि 9 से 12 तक के सभी स्कूलों के बच्चों के समय में बदलाव किया था। लेकिन, अब एक बार फिर पड़ रही ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त होता दिखाई दे रहा है।