Home Meerut किसकी कॉल थी? मियां बीबी के बीच करवा रही टकराव !

किसकी कॉल थी? मियां बीबी के बीच करवा रही टकराव !

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  • परिवार परामर्श केन्द्र में पारिवारिक विवाद के दो हजार मामले, इस साल 165 दंपतियों को सकुशल घर भेजा गया।

ज्ञान प्रकाश, मेरठ। थोड़ी सी तकरार परिवार को पहले भी तनाव में डाल रही थी लेकिन नव दंपतियों के लिये मोबाइल कलह का कारण बनता जा रहा है। मोबाइल पर आने वाली मिस्ड काल को लेकर पति और पत्नी के बीच तकरार बढ़ने से महिला थाने और परिवार परामर्श केन्द्र में भीड़ बढ़ती जा रही है। इस वक्त एसएसपी आफिस में स्थित परिवार परामर्श केन्द्र में दो हजार मामले लंबित चल रहे हैं। पुलिस लाइन में होने वाली काउंसलिंग के कारण 165 लोगों के बीच चल रहे तनाव को खत्म कराकर उनकी जिंदगी में फिर से खुशियां ला दी गई है।

लिसाड़ीगेट की फरहीन का निकाह जाकिर कालोनी निवासी शमशाद से एक साल पहले हुआ था। नई बहू के आने से परिवार में खुशियां छाई हुई थी, तभी फरहीन के मोबाइल पर लगातार आई तीन वार मिस्ड काल्स ने शमशाद के मन में संदेह पैदा कर दिया। फरहीन ने पति से अपने पुराने दोस्त के बारे में छुपा लिया था। जब खुलासा हुआ तो तनाव बढ़ गया और दो महीने के अंदर ही मामला महिला थाने पहुंच गया।

पिछले सात महीने से ससुराल और मायके वाले थाने के चक्कर काट रहे हैं। इसी तरह नजमा अपने पति के मोबाइल पर लड़कियों के आने वाले फोन से परेशान थी। व्हाटसएप पर आने वाले मैसेज, एक नंबर का बार बार आना भी तनाव का कारण बन रहा है। परिवार परामर्श केन्द्र में चल रहे दो हजार मामलों में करीब डेढ़ हजार से अधिक मामले मुस्लिम इलाकों के है।

विवाहोत्तर संबंध, शादी से पहले की दोस्ती, मायके वालों का बार बार फोन करना भी
ससुराल और मायके के बीच तनाव पैदा कर रहा है।

पहले महिला की तरफ से मुकदमे दर्ज हो जाते थे लेकिन अब पहले पुलिस लाइन में तीन बार काउंसलिंग होती है, अगर इसमें बात नहीं बनती है तो मुकदमा दर्ज किया जाता है। परिवार परामर्श केन्द्र में सुबह से लेकर शाम तक महिलाएं अपने बच्चों के साथ न्याय की गुहार लगाती दिखती हैं।

मेरठ कालेज की मनोविज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर अनीता मोरल का कहना है कि पति और पत्नी के बीच संदेह और ईगो के कारण तनाव बढ़ रहा है। मोबाइल भी इसका एक बड़ा कारण बनता जा रहा है। पति और पत्नी को चाहिये कि समस्या का समाधान करते समय ईगो को साइड में रख कर समाधान निकालें। परिवार परामर्श केन्द्र में लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के ढाई सौ से अधिक मामले सुनवाई में लगे हुए है। अवैध संबंध, सास बहू के झगड़े, दहेज को लेकर उत्पीड़न जैसे मामलों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। एसएसपी के सामने आने वाले अधिकांश प्रार्थनापत्रों में महिला उत्पीड़न, पारिवारिक विघटन और रिश्तों में दरार ज्यादा हैं।

इनके आवेदनपत्रों को पढ़ कर लगता है कि वकील ने परिवार को जोड़ने के बजाय तुड़वाने की रुपरेखा तैयार कर दी है। परिवार परामर्श केन्द्र में कांउसलिंग के वक्त वकीलों का रोल भी विघटन का एक बड़ा कारण बन रहा है।

परिवार परामर्श केन्द्र प्रभारी आंचल शर्मा का कहना है कि कोशिश की जाती है दंपत्ति आपसी विवाद निपटाकर अपने परिवार को टूटने से बचा लें। यही कारण है कि इस साल में अभी तक 165 परिवारों की जिदंगी में फिर से खुशियां आ गई है। एसपी क्राइम अनित कुमार ने बताया कि कांउसलिंग से बहुत परिवारों का फायदा भी हो रहा है क्योंकि पति और पत्नी के बीच इतने गंभीर मामले नहीं है जिनको सुलझाया न जा सके। पुलिस की भी पहली प्राथमिकता परिवार को बचाना है। परिवार परामर्श केन्द्र इसमें प्रभावी काम कर रहा है।

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