- दलित छात्रों के बीच अंबेडकर के विचारों और विषमताओं पर चर्चा।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद् एवं शिक्षा विभाग के सयुक्त तत्वावधान में उत्तर प्रदेश शासन के आदेशानुसार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में अनुसूचित जाति के विद्याथियों के मध्य भाषण प्रतियोगिता का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय स्तर पर कुल 17 विद्याथियों ने भाग लिया और डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचार, संविधान निर्माण में उनके योगदान, तकनीकी युग में सामाजिक एवं आर्थिक विषमताएं, तथा आधुनिक भारत के समावेशी मार्ग जैसे विषयों पर प्रभावशाली विचार प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. धीरेन्द्र कुमार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अरुण कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डॉ. नीलू जैन गुप्ता एवं डॉ. के.के. शर्मा, संयोजक — साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद्, ने भी सहभागिता की और अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत करते हुए डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों, उनके संघर्ष, संविधान निर्माण में उनके योगदान एवं सामाजिक समरसता की प्रासंगिकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उनके विचार छात्रों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी रहे।
प्रतियोगिता में प्रस्तुत भाषणों का मूल्यांकन निर्णायक मंडल डॉ. अंशु अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर, मनोविज्ञान, डॉ. सुशील कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग, एवं डॉ. विवेक नौटियाल असिस्टेंट प्रोफेसर, भौतिकी विभाग द्वारा किया गया। जिसमेकशिश न कशिश ने पहला, शैलजा पारस ने दूसरा एवम अनिमेष ने तीसरा स्थान प्राप्त किया जबकि निशा एवं मंजीत ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया
आयोजन में डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. अर्चना चौधरी, डॉ. ए.के. सिंह एवं डॉ. धर्मेन्द्र कुमार ने अपनी भूमिका निभाई एवं आयोजन का सफल संचालन आयुषी ठाकुर शोध छात्रा द्वारा किया गया । यह आयोजन छात्रों में संविधान और सामाजिक न्याय के मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक रहा।