– नक्शा स्वीकृत करने वाले आवास विकास के वास्तुविद नियोजक किए गए निलंबित,
– आवास आयुक्त पर भी लटकी अवमानना की तलवार।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। सेंट्रल मार्केट का जिन्न बोतल से बाहर आकर अब भीतर जाने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ये है कि सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों का जहां चैन छिन गया है, वहीं आवास-विकास पर भी ग्रहण लगता नजर आ रहा है। अब सेंट्रल मार्केट में बने जैना ज्वैलर्स शोरूम के मामले में आवास विकास परिषद के आयुक्त बुरी तरह फंस गए हैं। जबकि नक्शा स्वीकृत करने वाले वास्तुविद नियोजक को निलंबित कर दिया गया है। जैना ज्वैलर्स शोरूम शास्त्रीनगर की स्कीम नंबर सात में भूखंड संख्या 259/6 जिसका क्षेत्रफल 366.8 मीटर है में बना है। यह प्लॉट पहले पंकज अग्रवाल के पास था। जिसे जैना ज्वैलर्स के मालिकों ने खरीदा है। इस प्लॉट पर भवन निर्माण के लिए छह अक्तूबर 2023 में आवास विकास परिषद से नक्शा स्वीकृत कराया गया था। लेकिन कोई निर्माण नहीं हुआ। लेकिन इसके बाद 2025 में ऐसा खेल हुआ कि आवास विकास के अधिकारी अपने वास्तुविद नियोजक के खेल में खुद ही फंस गए।

जैना ज्वैलर्स के मालिकों ने पंकज अग्रवाल से यह भूखंड खरीद लिया। इसके बाद कंपाउंड का आवेदन करते हुए नक्शा स्वीकृति के लिए जमा कर दिया। उक्त नक्शा कंपाउड योजना में स्वीकृति हेतु स्वीकार करते हुए आवास विकास के वास्तुविद नियोजक मुकेश कुमार रूहेला ने 12 सितंबर 2025 को स्वीकृत कर दिया। बस यहीं पर मुकेश कुमार रुहेला फंस गए।
जैना ज्वैलर्स का मामला भी हाईकोर्ट में अवमानना के तहत विचाराधीन है। जिसके तहत आवास एवं विकास परिषद ने बुधवार को सील करने का नोटिस जारी किया था। लेकिन अब इस मामले में जो खुलासा हुआ है, उससे खुद आवास आयुक्त भी अपने वास्तुविद नियोजक मुकेश कुमार के नक्शा स्वीकृति के गोरखधंधे में फंस गए हैं। हालांकि पूरा मामले सामने आने के बाद आवास आयुक्त बलकार सिंह ने वास्तुविद नियोजक मुकेश कुमार रुहेला को निलंबित कर दिया है।
दस दिन में बन गया शोरूम
आवास विकास परिषद से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार जैना ज्वैलर्स का नक्शा 12 सितंबर 2025 को स्वीकृत हुआ था। जबकि इस शोरूम का उद्घाटन अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी द्वारा 22 सितंबर 2025 को कर दिया गया। ऐसे में मात्र दस दिन के भीतर कैसे यह करिश्माई निर्माण हो गया, इसे लेकर अब आवास विकास परिषद के आला अधिकारी हाईकोर्ट में दायर अवमानना के वाद से बचने का तरीका खोजते हुए नजर आ रहे हैं।
एक भूखंड पर नहीं हो सकते दो नक्शे स्वीकृत
भवन निर्माण के लिए मानचित्र स्वीकृत कराना होता है। लेकिन एक ही भूखंड पर दो मानचित्र स्वीकृत नहीं हो सकते हैं। परिस्थितिवश यदि कोई नया मानचित्र स्वीकृत भी कराता है, तो उसे पहले मानचित्र को निरस्त कराना होगा। लेकिन यहां पर पहला मानचित्र जो कि आवासीय में स्वीकृत था, उसे निरस्त कराए बगैर ही मात्र कंपाउंड योजना में आवेदन का आधार बनाते हुए मानचित्र स्वीकृत कर दिया गया।
तीन दिन पहले सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों की थी बैठक
आवास विकास के वास्तुविद नियोजक मुकेश कुमार रुहेला तीन दिन पहले ही कैंट विधायक अमित अग्रवाल के साथ सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों की समस्या सुनकर गए थे। उन्होंने स्ट्रीट बाजार आदि के विकल्प पर चर्चा की थी। लेकिन इससे पहले कि वह शासन स्तर पर इस मामले में कोई प्रयास करते स्वयं ही निलंबित हो गए।



