Sunday, August 3, 2025
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जाटों के जवाब में क्षत्रिय भरेंगे रविवार को हुंकार

  • मेरठ के साकेत स्पोर्ट्स क्लब में होगी क्षत्रिय चेतना मंच की बैठक।
  • लोकसभा चुनाव से पहले क्षत्रिय समाज की बैठक मानी जा रही महत्वपूर्ण।

अनुज मित्तल, समाचार संपादक |

मेरठ। पिछले दिनों मेरठ में हुई अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के जवाब में अब क्षत्रिय समाज मैदान में उतर गया है। मेरठ और सहारनपुर मंडल क्षेत्र को जाट लैंड कहे जाने पर क्षत्रिय समाज अब अपनी मौजूदगी का अहसास कराने की तैयार में जुट गया है। इसके लिए रविवार को मेरठ के साकेत स्थित स्पोर्टस क्लब में क्षत्रिय चेतना चिंतन मंच की बैठक हो रही है।

मेरठ और सहारनपुर मंडल में नौ जनपद आते हैं। इनमें मेरठ मंडल में मेरठ सहित हापुड़, नोएडा, गाजियाबाद, बागपत और बुलंदशहर आते हैं। वहीं सहारनपुर में मुजफ्फरनगर और शामली जनपद आते हैं। इन दोनों मंडलों को लेकर राजनीति में जातीय प्रभुत्व की लड़ाई शुरू हो गई है। पहले जहां यहां से ठाकुरों को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलता था, वहीं अब जाटों को मिलना शुरू हो गया है।

     तमाम मीडिया और बिरादरियों के प्रचारकों ने मेरठ और सहारनपुर क्षेत्र को जाट लैंड के रूप में प्रचारित किया। इसके अलावा पिछले दिनों हुए किसान आंदोलन आदि को देखते हुए  राजनीतिक दलों ने भी जाट बिरादरी के नेताओं को वरियता देनी शुरू की। कांग्रेस, सपा और रालोद के साथ भाजपा भी पिछले दस साल से जाट बिरादरी को अपने साथ बांधने के लिए जाट नेताओं को प्रतिनिधित्व दे रही है।

लेकिन अब भाजपा की यह पहल उसके ही गले की फांस बनती नजर आ रही है। इन दोनों मंडलों में क्षत्रिय समाज भी संख्याबल में जाटों से कम नहीं है। ऐसे में क्षत्रिय समाज अब लगातार हो रही अपनी उपेक्षा के कारण खुलकर सामने आने की तैयारी में जुट गया है।

  अभी हाल ही में सुभारती विवि मेरठ में जाट अंतरराष्ट्रीय संसद का आयोजन हुआ। जिसमें राजनीतिक रूप से मजबूत होने के साथ आरक्षण को लेकर चर्चा हुई। अप्रत्यक्ष रूप से यह सभी राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने के लिए आयोजन था। इस आयोजन के बाद दूसरी बिरादरियों में भी हलचल पैदा हो गई है।

ये कारण है ठाकुरों की नाराजगी का

अब से डेढ़ दशक पहले तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ, गाजियाबाद, अमरोहा, मुरादाबाद, अलीगढ़ और मथुरा में ठाकुर सांसद निर्वाचित होते रहे हैं। हालांकि बुलंदशहर में भी लोधा राजपूत को प्रतिनिधित्व मिलता रहा है, जिसे ठाकुर अपना ही मानते हैं।

लेकिन अब यह सिमटकर गाजियाबाद और मुरादाबाद तक रह गया है। इस बार सिर्फ दो ही सीटों पर ठाकुर बिरादरी को टिकट दिए गए। इसके अलावा विधानसभाओं में भी जहां उपेक्षा हो रही है, तो भाजपा में संगठन स्तर से लेकर अन्य शासन के ऐसे संस्थान जो दर्जा प्राप्त मंत्री का पद देते हैं, वहां भी ठाकुर बिरादरी को उपेक्षित रखा जा रहा है। जिससे ठाकुर बिरादरी में बेचैनी है।

मेरठ और सहारनपुर मंडल के क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधि इस विषय को लेकर रविवार को साकेत स्पोर्टस क्लब में बैठक करेंगे, जिसमें मुख्य अतिथि भाजपा के फायरब्रांड नेता पूर्व विधायक ठा. संगीत सोम होंगे। आयोजकों का कहना है कि यह बैठक है, दोनों मंडल की 44 विधानसभाओं से लगभग पांच सौ लोग आएंगे। लेकिन आयोजन समिति से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह बैठक न होकर जनसभा होगी और इसमें हजारों की संख्या में भीड़ जुटेगी।

   आयोजन समिति से जुड़े पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस कार्यक्रम में क्षत्रिय राजनीति में अपना वजूद फिर से कायम रखने के लिए आरपार की लड़ाई का ऐलान करेंगे। जिसकी भूमिका भी इस बैठक में तैयार होगी।

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