Wednesday, April 16, 2025
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है बहुत अंधियारा, अब सूरज निकलना चाहिए

पीएम मोदी का खरगे पर कटाक्ष


एजेंसी नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि देश को आगे की दिशा भी राष्ट्रपति जी ने दिखाई है। राष्ट्रपति जी का भाषण प्रेरक, प्रभावी था और हम सब के लिए भविष्य के काम का मार्गदर्शन भी था। यहां पक्ष, प्रतिपक्ष दोनों तरफ से चर्चा हुई, हर किसी न अपने-अपने तरीके से राष्ट्रपति जी के अभिभाषण के जिसने जैसे समझा, उसे वैसा समझाया। यहां पर सबका साथ, सबका विकास इसपर बहुत कुछ कहा गया। मैं समझ ही नहीं पाता हूं कि इसमें कठिनाई क्या है।

उन्होंने कहा कि जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे सबका साथ, सबका विकास की अपेक्षा करना, बहुत बड़ी गलती हो जाएगी। ये उनकी सोच के बाहर और समझ के बाहर है। साथ ही उनके रोडमैप में भी ये सूट नहीं करता है। क्योंकि वह इतना बड़ा दल हैं, एक परिवार को समर्पित हो गया है। उसके लिए सबका साथ सबका विकास संभव ही नहीं है। कांग्रेस ने राजनीति का एक ऐसा मॉडल तैयार किया था, जिसमें झूठ, फरेब, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टिकरण सबका घालमेल था। जहां सबका घालमेल हो, वहां सबका साथ हो ही नहीं सकता। कांग्रेस के मॉडल में सर्वोपरि है, फैमिली फर्स्ट, इसलिए उनकी नीति, रीति, उनकी वाणी, उनका वर्तन उस एक चीज को संवारने में तपता रहा है।

उन्होंने कहा कि 2014 के बाद देश ने हमें सेवा करने का अवसर दिया। हमें तीसरी बार जनता ने मौका दिया। देश की जनता का आभारी हूं। देश की जनता ने हमारे विकास के मॉडल को परखा है, समझा है और समर्थन दिया है। राष्ट्र प्रथम, इसी एक भावना और समर्पित भाव से हमने लगातार अपनी नीतियों में, अपने कार्यक्रमों, वाणी, वर्तन में, इसी वाक्य को मानदंड मानकर के देश की सेवा करने का प्रयास किया है। मैं बड़े गर्व के साथ और बड़े संतोष के साथ कहता हूं, एक लंबे अरसे यानी पांच से छह दशक तक देश के सामने आल्टरनेटिव मॉडल क्या हो, तराजू पर तौलने का मौका नहीं मिला। 2014 के बाद देश को आॅल्टरनेटिव और नया मॉडल देखने को मिला है। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि मैं इमरजेंसी के उन दिनों को नहीं भूल सकता। आज जो लोग लोकतंत्र और मानव गरिमा की बात करते हैं और बड़े बड़े भाषण देने के शौकीन हैं। आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडीस समेत कई बड़े लोगों को हथकड़िया पहनाई गईं थी और उन्हें जंजीरों से बांधा था। बहुत लंबा संघर्ष चला।

मल्लिकार्जुन खरगे पर पीएम मोदी ने ली चुटकी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि खरगे जी, आपको आपके घर में ये बातें तो सुनने को मिलेंगी नहीं, इसलिए हम आपको ये बता रहे हैं। इस बार मैं देख रहा था खरगे जी कविताएं पढ़ रहे थे, लेकिन जो बातें बता रहे थे, उनको पता था कि ये कविताएं कब की है। भीतर कांग्रेस की दुर्दशा का इतना दर्द पड़ा था। लेकिन वहां कांग्रेस बोल नहीं सकते थे। इसलिए नीरज की कविता के माध्यम से उनके घर के हालात उन्होंने यहां पब्लिश किए। खरगे जी को आज मैं नीरज जी की कविता की कुछ पंक्तियां सुनाना चाहता हूं। पीएम मोदी ने कहा, ‘है बहुत अंधियारा, अब सूरज निकलना चाहिए, जिस तरह से भी हो, ये मौसम बदलना चाहिए।’

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