शारदा रिपोर्टर मेरठ। हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है। सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित है और इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही हर माह की त्रयोदशी तिथि भी भगवान शिव को समर्पित होती है और भक्त इस दिन प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। 12 महीनों में माघ माह भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए उत्तम माना गया है। इस बार अद्भुत संयोग भी बन रहा है।

माघ माह का पहला प्रदोष व्रत सोमवार के दिन होने के कारण सोम प्रदोष कहलाएगा। यह व्रत रखने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही संतान की कामना भी पूरी होती है. सोम प्रदोष व्रत करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। माघ माह में सोमवार को प्रदोष व्रत के खास संयोग में भगवान शिव की पूजा अर्चना बेहद फलदाई होने वाली है।
माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की 26 जनवरी रविवार को रात 8 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 27 जनवरी सोमवार को रात 8 बजकर 34 मिनट पर रहेगी। प्रदोष व्रत 27 जनवरी सोमवार को रखा जाएगा। सोमवार के दिन होने के कारण यह सोम प्रदोष व्रत होगा। इस दिन भगवान शंकर की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 56 मिनट से रात 8 बजकर 34 मिनट तक है। विद्वानों के अनुसार माघ माह में प्रदोष व्रत के दिन बन रहे अद्भुत संयोग के कारण इस प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा का कई गुणा लाभ प्राप्त होगा।
प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा से उनकी असीम कृपा प्राप्त होगी। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान, शिव स्त्रोत के जाप से सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। माघ माह के प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।