शहर के जाम को बढ़ावा दे रहे अवैध पार्किंग और सड़कों पर खड़े हुए वाहन
शारदा रिपोर्टर मेरठ। प्रदेश सरकार ने आदेश दिया है कि, कोई भी वाहन पार्किंग और स्टैंड सड़क पर नहीं होंगे। आदेश का सख्ती से पालन कराने का निर्देश भी है। लेकिन मेरठ शहर में अफसरों को शायद सरकार के इस आदेश की कोई परवाह नहीं है।
एक तो जिम्मेदार विभागों के अफसरों ने जनता के लिए पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की। ऊपर से ऐसे अवैध पार्किंग स्थलों और स्टैंड के विरुद्ध कोई कार्रवाई भी नहीं की, जो शहर में जाम का बड़ा कारण बन रहे हैं। नए मानकों के आते ही शहर में चल रही निगम की 28 में से 24 पार्किंग बंद हो गई। शहर को दस से ज्यादा स्थानों पर मल्टीलेवल पार्किंग की जरूरत है। लेकिन निगम निगम में बन रही पार्किंग को बनने में अभी काफी समय लगेगा। पार्किंग पहले थी आज भी है, पहले वैध थी आज अवैध है।
तीन साल पहले तक नगर निगम शहर में 28 स्थानों पर पार्किंग के ठेके छोड़ता था।
इनमें से अधिकांश स्थान सड़कों के किनारे, अस्पतालों तथा अन्य बड़े भवनों के बाहर थे। लेकिन प्रदेश सरकार ने जैसे ही पार्किंग के लिए शौचालय, पेयजल, टीन शेड और अन्य सुविधाएं अनिवार्य करते हुए नए मानक जारी किए, वैसे ही निगम की पार्किंग फेल हो गईं। निगम को इनमें से 24 को बंद करना पड़ा। केवल चार स्थानों की पार्किंग ही नए मानकों का पालन कर पाई। आज भी केवल चार स्थानों पर निगम की पार्किंग चल रही हैैं।
नगर निगम ने तो इन 24 स्थानों पर अपनी पार्किंग बंद कर दी लेकिन ऐसा नहीं है कि उक्त स्थानों पर वाहनों की पार्किंग बंद हो गई हो। पार्किंग आज भी होती है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले ये वैध थीं आज अवैध।