शारदा न्यूज रिपोर्टर
मेरठ। अपने देश में रहते हुए यहां के धर्म व संस्कृति को समझना है तो हिंदी को अपनाना होगा, यह कहना है इस्माईल कॉलेज की हिंदी विभागध्यक्ष डॉ. दीपा त्यागी का।
डॉ. दीपा का यह भी कहना है कि हिंदी हमारी समझ की भाषा है। प्रदेश का कोई भी व्यक्ति पहाड़ी के साथ-साथ हिंदी से अछूता नहीं है। हिंदी जनमानस की भाषा है और हर प्रकार की सूचना प्रबंधन के साथ-साथ सरकारी नीतियों का सही मायने में प्रसार प्रचार हिंदी में पूर्णतया न होने की वजह से पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाता। अंग्रेजी से परहेज न होते हुए प्रदेशवासी हिंदी में ही सोचते हैं, जो विचारों की अभिव्यक्ति के लिए सबसे आवश्यक है। यह मैंने प्रदेश के कोने-कोने में लोगों के विचार लेकर महसूस किया है।