Sunday, July 6, 2025
Homeउत्तर प्रदेशMeerutअवैध निर्माण रोकने में पूरी तरह नाकाम आवास-विकास !

अवैध निर्माण रोकने में पूरी तरह नाकाम आवास-विकास !

  • शहर में आवास एवं विकास परिषद की सभी योजनाओं में हैं बड़े अवैध निर्माण।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। आवास विकास अवैध निर्माण रोकने में नाकाम साबित रहा। सेंट्रल मार्केट मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से व्यापारी बेचैन हैं और अफसर भी सहमे हुए हैं। अफसर अवैध निर्माण रोकने के लिए महज नोटिस काटकर फाइलों में खानापूर्ति कर रहे हैं। हकीकत यह है कि विभाग के आसपास आवासीय भवनों में ही कई अस्पताल, रेस्टोरेंट, बेकरी ही नहीं कोठियों में हैंडलूम तक का कारोबार हो रहा है। सेंट्रल मार्केट मामले में मंगलवार को भी फाइलें टटोली गईं।

शास्त्री नगर के सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्प्लेक्स के सुप्रीम कोर्ट के ध्वस्तीकरण आदेश के बाद से व्यापारी बेचैन हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 661/6 आवासीय भवन में 24 दुकानें बन जाने के मामले में यह आदेश दिया है। इससे पहले शास्त्री नगर में सर्वे के आदेश दिए थे, जिसमें 1473 आवासीय भवन ऐसे हैं, जिनमें व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं। माधवपुरम और जागृति विहार में 822 अवैध निर्माण की फेहरिस्त है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से व्यापारी लगातार अफसरों को अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं, अफसर इसे दशकों पुराना मामला बता रहे हैं और मौजूदा समय में आसपास के अवैध निर्माण को लेकर महज नोटिस जारी करने की बात कर रहे हैं। रंगोली से आरटीओ की ओर जाने वाले मार्ग पर ही आवास विकास एवं परिषद का दफ्तर है। इसके पास ही आवासीय भवनों में कॉम्प्लेक्स तैयार हो गए हैं। इनमें रेस्टोरेंट, बेकरी, कन्फेक्शनरी, जूस-फर्नीचर की दुकानें, नामी कंपनियों के आउटलेट, बाथरूम फिटिंग व होम डेकर के शोरूम तक कोठियों में खुले हैं।
जबकि माधवपुरम में सभी चार सेक्टर में 5963 आवासीय संपत्तियां हैं। इनमें छोटे स्तर पर 327 आवासीय भवनों में व्यावसायिक काम हो रहा है। ऐसे ही जागृति विहार योजना में करीब साढ़े पांच हजार आवासीय भवन हैं। इनमें से 495 ऐसे हैं जिनमें नियम विरुद्ध व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं।

शास्त्रीनगर में ए-ब्लॉक से एल-ब्लॉक तक कुल 6106 आवासीय संपत्तियां हैं। इनमें 613 में ऐसी हैं जिनमें शोरूम, कंपनियों के आउटलेट्स, सराफा, डेयरी, रेडीमेड गारमेंट्स, मर्चेंट स्टोर, बेकरी आदि खुल गए हैं। ऐसे ही सेक्टर-1 से 13 तक 6379 आवासीय संपत्ति हैं। इनमें 860 संपत्ति में व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं।

अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार का कहना है कि, अवैध निर्माण पर लगातार अंकुश कसा जा रहा है। अवैध अस्पताल समेत कई नियम विरुद्ध निर्माण भी हाल ही में सील भी किए हैं। वहीं, सेंट्रल मार्केट के व्यापारी सुप्रीम कोर्ट के 661/6 के ध्वस्तीकरण आदेश के बाद इससे राहत पाने में जुटे हैं। हाल ही में व्यापारियों ने अधिवक्ताओं के पैनल के साथ मंथन किया था। इसी के साथ रिव्यू पेटीशन और एसएलपी का ड्राफ्ट भी तैयार कराया। सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू के लिए एक महीने का समय दिया हुआ है। ऐसे में व्यापारी अब रिव्यू दाखिल करने की तैयारी में जुट गए हैं।

रिव्यू में भी आसान नहीं है राहत

सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखने का आदेश दिया है। उसके बाद अब नहीं लगता कि रिव्यू में भी व्यापारियों को कोई राहत मिलेगी। ऐसे में यदि रिव्यू खारिज हुआ तो आगे का रास्ता व्यापारियों के लगभग पूरी तरह बंद हो जाएगा। इसके बाद अवैध निर्माण पर हथौड़ा चलना तय है। जिसे लेकर व्यापारी अभी भी सहमे हुए हैं।

कांप्लैक्स वालों को होगा बड़ा नुकसान

शास्त्रीनगर में मकान के बाहर दुकान बनाने वालों को ज्यादा नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा। क्योंकि उन्हें सिर्फ शटर उखाड़कर दीवार लगानी है। लेकिन जिन प्लॉटों पर पूरा व्यासायिक कांप्लैक्स खड़ा हुआ है, वहां पर वह पूरी तरह जमींदोज किया जाएगा। जिससे न केवल व्यापार का घाटा होगा, बल्कि जिन व्यापारियों ने इसका निर्माण कराया है या फिर इनमें महंगी दरों पर दुकानें खरीदी हुई हैं, उनको बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Recent Comments